नयी दिल्‍ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिसर्च में कोविड-19 (Covid 19) के इलाज में इस्तेमाल 4 दवाओं को बेहद कम असरदार माना गया है. इसके बाद भारत अपने कोविड-19 क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल का रिव्यू कर रहा है. उम्मीद है इसमें कुछ बदलाव भी किये जा सकते हैं. इसका मतलब यह है कोरोनावायरस (Coronavirus) से संक्रमित लोगों के इलाज का तरीका बदल सकता है. खासकर उनको दी जाने वाली दवाइयों में बदलाव किये जा सकते हैं.
डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिसर्च में पाया है कि कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयां- रेमडेसिवीर, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन, लोपिनैविर और इंटरफेरॉन मरीजों पर बहुत की कम असरदार हैं. डब्ल्यूएचओ ने अपने रिसर्च में हजारों लोगों पर इन दवाओं के असर की जांच की और पाया कि इन दवाओं का मरीजों पर या तो बेहद कम असर हुआ या फिर कोई असर नहीं हुआ.

इन सब के बीच इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कहा है कि रेमडेसिवीर का ट्रायल अभी जारी रहेगा. यह देखने का प्रयास किया जा रहा है कि इन दवाओं का असर कुछ खास वर्ग पर कैसा रहता है. बता दें कि भारत सहित विश्व भर में रेमडेसिवीर दवाओं का इस्तेमाल कोविड-19 के इलाज के लिए किया जा रहा है.
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि प्रोटोकॉल की समीक्षा अगले संयुक्त टास्क फोर्स की बैठक में की जायेगी. बैठक की अध्यक्षता डॉ वी के पॉल और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव करेंगे. समीक्षा के बाद ही कोई ठोस निर्णय किया जायेगा.

भारत में भी इन दवाओं का ट्रायल चल रहा था. 15 अक्तूबर तक 24 अलग-अलग जगहों पर 937 लोगों पर इसका ट्रायल हुआ है. डॉक्टरों का कहना है कि ट्रायल में यह जानना जरूरी था कि रोगियों पर इन दवाओं का असर होता है या नहीं. लेकिन पाया गया कि इन दवाओं का असर नहीं होता है. रेमडेसिवीर दवा गंभीर लक्षण वाले रोगियों पर इस्तेमाल की जाती है.

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