कोरोना की तीसरी लहर को बच्चों के लिए खतरनाक बताए जाने की आशंका के बीच एक अच्छी खबर है। सरकार ने बच्चों पर कोवैक्सिन के ट्रायल को मंजूरी दे दी है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने मंगलवार को बताया कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 2 से 18 साल के बच्चों पर कोवैक्सिन के दूसरे और तीसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी दी है।

डॉ. पॉल ने कहा, ‘मुझे बताया गया है कि अगले 10-12 दिन में ये ट्रायल शुरू हो जाएंगे। इसके अलावा DRDO की डेवलप की एंटी-कोविड ड्रग 2DG को भी इमरजेंसी यूज का अप्रूवल मिला है। हम ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल में इसे जोड़ने के लिए दवा की जांच करेंगे।’ अभी कोवैक्सिन का इस्तेमाल देश में 18+ के वैक्सीनेशन के लिए किया जा रहा है।

दिल्ली, पटना और नागपुर में होगा ट्रायल
सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स कमेटी ने AIIMS दिल्ली, AIIMS पटना और मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नागपुर में 525 बच्चों पर ट्रायल पर सहमति दी है। इसके सफल रहने पर कनाडा और अमेरिका के बाद भारत में भी 2 से 18 साल के एज ग्रुप के लिए भी कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन तैयार हो जाएगी। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के सहयोग से भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन को विकसित किया है।

डेटा मॉनिटरिंग बोर्ड को देना होगा दूसरे फेज का ट्रायल डेटा
सूत्रों के मुताबिक एक्सपर्ट्स कमेटी ने कंपनी को तीसरे फेज के ट्रायल के लिए CDSCO से अनुमति लेने से पहले डेटा एंड सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड (DSMB) को दूसरे फेज का सुरक्षा डेटा मुहैया करने का निर्देश दिया है। इससे पहले 24 फरवरी को हुई बैठक में प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया था और भारत बायोटेक को रिवाइज्ड क्लिनिकल ट्रायल प्रोटोकॉल पेश करने का निर्देश दिया गया था।

अमेरिका में 12 से 15 साल के टीनएजर्स के लिए वैक्सीन को मंजूरी
इससे पहले सोमवार को ही अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (US-FDA) ने 12 से 15 साल के बच्चों के लिए फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNTecch) की कोरोना वैक्सीन को इजाजत दी है। अब तक यह वैक्सीन 16 साल से ज्यादा उम्र वालों को लगाई जा रही थी।

इससे पहले कनाडा बच्चों की इस पहली वैक्सीन को इजाजत दे चुका है। ऐसा करने वाला दुनिया का वह पहला देश है। माना जा रहा है कि 12 से 15 साल तक के बच्चों के वैक्सीनेशन से अमेरिका में बड़ी संख्या में स्कूल और समर कैंप खुलने का रास्ता साफ हो जाएगा।

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