जयपुर। सियासी संकट के बीच हुई मंगलवार को हुई विधायक दल की बैैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया कि जो विधायक अभी हमारे साथ नहीं दिखाई दे रहे हैं, वो भी हमें वोट करेंगे। उनका इशारा पायलट खेमे के विधायकों की ओर था। अन्य वक्ताओं ने फ्लोर टेस्ट होने की स्थिति में छह विधायक और आने की बात मंच से कही। हालांकि, इनके नामों का खुलासा बैठक में नहीं किया गया।
फेयरमाउंट होटल में हुई बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत का कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट पर जुबानी हमला जारी रखा। उन्होंने कहा कि जो लोग लुका छिपी का खेल खेल रहे हैं। वे सत्य की राह पर नहीं हो सकते। क्योंकि सत्य कभी छिपता नहीं है। एक ओर राज्य सरकार कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ रही थी। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस के ही प्रदेश अध्यक्ष और कुछ विधायक भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिराने का षड्यंत्र रच रहे थे। पार्टी के गद्दारी करने वाले लोग जनता के बीच जाकर मुंह नहीं दिखा पाएंगे।
मुख्यमंत्री के अलावा अन्य वक्ताओं ने मंच से सभी विधायकों को नैतिकता का पाठ पढ़ाया। विधायकों ने भी हाथ उठाकर हर पल सरकार के साथ रहने का वादा किया और पांच साल सरकार चलाने का आश्वासन भी दिया। बैठक में 103 विधायकों के उपस्थित होने का दावा किया गया।
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि कुछ लोगों ने पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है। ऐसा कर ये लोग सत्ता हासिल करना चाहते थे। इनके मंसूबे कामयाब नहीं हो सके। प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, पर्यवेक्षक अजय माकन, प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बैठक को संबोधित किया। संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल, सचिव देवेंद्र यादव, विवेक बंसल और तरुण कुमार और काजी निजामुद्दीन मौजूद रहे।
राज्य में लोकतंत्र को बचाने की कोशिश गहलोत ने कहा कि पूरे देश में लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। राजस्थान में कांग्रेस के विधायक लोकतंत्र को बचाने में जुटे हुए हैं। सरकार का समर्थन करने के लिए मुख्यमंत्री ने बीटीपी और आरएलडी का आभार किया और आशा व्यक्त की कि की माकपा के विधायक हमारे साथ आएंगे।

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