परिचय
वर्तमान Corona काल के चलते हर कोई व्यक्ति मानसिक तनाव झेल कर अवसाद में का रहा है,अवसाद एक मानसिक बीमारी है जिससे ग्रस्त रोगी एकदम हताश और निराश हो जाता है।

कारण-
अचानक किसी रोग या परेशानी आने पर व्यक्ति मानसिक यातना से गुजरने लगता है।आयुर्वेद में इसे अवसाद कहा जाता है,
अवसाद का रोग पीढ़ी दर पीढ़ी भी पनप सकता है। वैसे यह रोग 2 तरह का होता है- बाहरी और आंतरिक अवसाद। बाहरी अवसाद किसी दुर्घटना, मानसिक चोट या तेज प्रतिक्रिया से आए करोना जैसे भयंकर रोग के कारण पैदा होता है और आंतरिक अवसाद गलैड्यूलर फीवर (ग्रंथिल ज्वर), अनिद्रा रोग, किसी नशे के कारण या वायरल संक्रमण से होता है।

लक्षण-

अवसाद रोग में रोगी को सिरदर्द, भूख न लगना, शारीरिक ऊर्जा का शमन होना,बी पी बढ़ना,सुगर का अप डाउन होना,पसीना आना,में न लगना व कब्ज जैसे लक्षण देखने में आते है। इस रोग में रोगी अजीब-अजीब सी हरकते करने लगता है।

चिकित्सा-

कारोना काल में ठीक होकर घर आने वाले रोगी मानसिक रूप से अस्त व्यस्त हो रहा है और भयंकर अवसाद में है अवसाद एक मानसिक रोग है। इस रोग में अगर रोगी ज्यादा परेशान या दुखी रहता है ,एक्यूप्रेशर के बताए बिंदुओं को दबाकर एवम् योग ध्यान करके अपनी मेंटल हेल्थ को सुधारने का प्रयास करें,आराम न मिले तो उसे किसी अच्छे मनोचिकित्सक को दिखाना चाहिए!

डॉक्टर पीयूष त्रिवेदी,
प्रभारी, आयुर्वेद चिकित्सालय,
विधानसभा, जयपुर

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