अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके विरोधी डेमोक्रेट के राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइडेन कोरोना महामारी के बीच धुआंधार प्रचार किया। कोरोना के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020 के लिए मतदान किया जा रहा है। राष्ट्रीय और राज्यों के चुनावों में बाइडेन को बढ़त है और सर्वेक्षण में उनकी जीत के कयास लगाए जा रहे हैं। लेकिन, किसी भी सर्वेक्षण में यह भविष्यवाणी नहीं की गई है कि ट्रंप की निश्चित तौर पर हार होगी।

सर्वेक्षण के आधार पर नतीजों पर भी नहीं पहुंचा जा सकता है क्योंकि 2016 में उस वक्त सभी सर्वेक्षण गलत साबित हुए जब वे सभी हिलेरी क्लिंटन की जीत को लेकर भविष्यवाणी की थी। सबसे पहले बैलट से मतदान न्यू हैम्पशायर में हुआ और अब दुनिया अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का बेसब्री के साथ इंतजार कर रही है।

आइये जानते हैं कि अमेरिका के चुनावी दिन और काउंटिंग के बारे में:

कब होगी वोटों की काउंटिंग होगी?

भारतीय चुनाव आयोग की तरह अमेरिका में कोई संघीय संस्था नहीं है जो चुनाव, रैलियों और परिणामों को देखे। अमेरिका में हर राज्य में वहां के नियमों के हिसाब चुनाव होता है। वोटों की काउंटिंग से पहले एक चरण होता है, जिसे प्रोसेसिंग कहते हैं। इस दौरान वोटरों के हस्तक्षरों की जांच, डॉक्यूमेंट्स के सत्यापन और यहां तक की बैलेट्स की स्कैनिंग तक की जाती है।

इसके साथ ही, हर राज्य में वहां के हिसाब से तारीख तय होती हो वो चाहे मेल के जरिए वोट की बात हो या फिर व्यक्तिगत तौर पर। करीब 10 करोड़ लोग पहले ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग और मेल-इन बैलेट्स के जरिए मतदान कर चुके हैं। जबकि, अन्य 6 करोड़ लोग 3 नवबंर को होने जा रही वोटिंग में मतदान करेंगे। इसलिए, इन सभी वोटों की प्रोसेसिंग में समय लगेगा और परिणाम में देरी हो सकती है।

तो कब और कैसे विजेता के बारे में पता चलेगा?

वोटों की गिनती हफ्तेभर में हो जाएगी, लेकिन चुनाव वाली रात को टेलीविजन पर एग्जिट पोल प्रसारित कर यह बताया जाता है कि कौन जीत रहा है, इसके साथ ही, मतदाताओं के इंटरव्यू और वोटिंग के रुझान के बारे में बताया जाता है। इस बार मेल-इन-बैलट के जरिए भारी संख्या में मतदान की वजह से यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कौन विजेता बनकर उभरा है।

पोलिंग प्रोसेस के बारे में ट्रंप और जो बाइडेन ने क्या कहा?

ट्रंप ने लगातार डेमोक्रेटिक पार्टी पर वोटों के फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है। इसके साथ ही, मेल-इन-बैलेट्स को लेकर आशंका जताई है। उन्होंने कई टेलीविजन चैनल्स के इंटव्यू के दौरान इस बात से भी इनकार किया है कि अगर वे चुनाव हार जाते हैं तो उसे स्वीकार कर लेंगे। जो बाइडेन और डेमोक्रेटिक पार्टी ने मतदाताओं के डराने और उसके दमन करने पर शंका जाहिर की है लेकिन मेल-इन-बैलेट प्रोसेस के पक्ष में रहे हैं।

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