नई दिल्‍ली । कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बरतना जितना आवश्यक है, उतना ही जरूरी है शरीर को अंदरूनी मजबूती प्रदान करना। इस लिहाज से फायदेमंद है फिजियोथेरेपी स्ट्रेंथ कंडीशनिंग की ट्रेनिंग। आमतौर पर इसकी जरूरत खिलाड़ियों के लिए अधिक बताई जाती है, लेकिन मौजूदा दौर में यह सभी के लिए जरूरी है…
व्यस्त जीवनशैली में शरीर को तंदुरुस्त और ऊर्जावान बनाए रखना एक चुनौती है। खासकर खिलाड़ियों को इसके लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ती है, ताकि उनकी ऊर्जा और क्षमता में कोई कमी न आए और वे शानदार परफॉरमेंस दे सकें। इस लिहाज से उनके लिए बेहद कारगर साबित होती है फिजियोथेरेपी स्ट्रेंथ कंडीशनिंग की ट्रेनिंग। सेहतमंद रहने के लिए इसे सभी को अपनाना चाहिए। जानें क्‍या कहते है फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. सर्वोत्तम चौहान।

क्या होती है स्ट्रेंथ कंडीशनिंग : स्ट्रेंथ कंडीशनिंग में कुछ ऐसी एक्सरसाइजेज और ट्रेनिंग शामिल हैं, जिनका निरंतर अभ्यास कराते हुए खिलाड़ी की ताकत, ऊर्जा, बुद्धिमत्ता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाया जाता है, ताकि वह अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सके। स्ट्रेंथ कंडीशनिंग ट्रेनिंग खिलाड़ी को ताकत प्रदान करने के साथ-साथ मांसपेशियों का लचीलापन और गति बढ़ाती है। यह पोस्चर सही करती है, जोड़ों को मजबूती देने के साथ ही एक नया मूवमेंट पैटर्न सिखाती है।
कुछ जरूरी सुझाव: स्ट्रेंथ कंडीशनिंग ट्रेनिंग एक्सपर्ट से ही लें, मांसपेशियों में जकड़न पर ठंडी सिंकाई करें ।
एक्सरसाइज से पहले अपने शरीर को अच्छे से वार्मअप जरूर करें ।
ये हैं इसके फायदे: इससे शरीर का बैलेंस अच्छा होता है। जोड़ों का आपसी तालमेल सही रहता है
मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूती प्रदान करती है
शरीर में वसा की मात्रा कम होती है
चोट लगने के जोखिम को कम करती है
मांसपेशियों की मजबूती: हम अपना हर कार्य ऊर्जा और उत्साह के साथ पूरा कर सकें, इसके लिए शारीरिक क्षमता का उच्च स्तर बनाए रखना जरूरी है। स्ट्रेंथ की कमी के चलते हमारे ज्वाइंट्स जल्दी खराब होने लगते हैं, जिसके परिणामस्वरूप हमें दवाइयों पर निर्भर होना पड़ता है। अगर हम सही समय से ही फिजियोथेरेपी एक्सरसाइज शुरू कर दें तो जोड़ों और मांसपेशियों की बीमारियों से निजात पा सकते हैं। बीते कई महीने लोगों के घर में रहकर बीते, ऐसे में जोड़ों की समस्या का होना सामान्य बात है। यदि आप इसे अपनाते हैं तो मांसपेशियों को मजबूत बनाने के साथ ही हड्डियों की कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेख आपकी जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किया गया है। किसी बीमारी के पेशेंट हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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