कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान शनिवार को देशभर में चक्काजाम करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि शनिवार दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक ये चक्काजाम होगा। हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में रोड जाम नहीं करेंगे। यहां के जिलों में अधिकारियों को केवल ज्ञापन सौंपा जाएगा।

किसानों के चक्काजाम के मद्देनजर दिल्ली-NCR में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बलों (CRPF) की 31 कंपनियों की तैनाती 2 हफ्ते के लिए और बढ़ा दी गई है। दिल्ली में तैनात CRPF की सभी यूनिट्स से कहा गया है कि वे अपनी बसों पर लोहे का जाल लगा लें। हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने बताया कि SP जिलों में किसानों से बात कर रहे हैं, ताकि कहीं कोई दिक्कत नहीं हो। पुलिस की ओर से ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की जाएगी।​​​​​​​

UP, राजस्थान में आज से किसान पंचायत
आंदोलन को मजबूती देने के लिए आज से उत्तर प्रदेश और राजस्थान में किसान पंचायतों की सीरीज शुरू की गई, जो फरवरी के आखिर तक चलेगी। इनका आयोजन राष्ट्रीय लोक दल (RLD) की तरफ से किया जा रहा है। RLD ने पिछले हफ्ते किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया था।

RLD के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने गुरुवार को कहा कि किसान पंचायतों का मकसद सरकार को यह बताना है कि यह एक बड़ा आंदोलन है। इसमें राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी बनती है कि वे किसानों तक पहुंचें और दूसरे लोगों को भी इस मुद्दे की संवेदनशीलता बताएं।​​​​​​​

विपक्ष की मांग- किसानों के मुद्दे पर संसद में अलग से चर्चा हो
विपक्षी दलों के नेता सड़क से लेकर संसद तक सरकार को घेरने में लगे हैं। 9 विपक्षी दलों के 12 सांसदों ने गुरुवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखकर कृषि कानूनों पर सदन में अलग से चर्चा की मांग रखी। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के जमावड़े और पुलिस की तैयारियों को देखते हुए विपक्षी नेताओं ने चिट्ठी में यह भी लिखा कि दिल्ली का गाजीपुर बॉर्डर भारत-पाकिस्तान बॉर्डर जैसा नजर आ रहा है।

विपक्ष के एक डेलिगेशन ने लोकसभा स्पीकर से इस बात की शिकायत भी की कि उन्हें गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों से मिलने से पुलिस ने रोक दिया। अकाली दल की सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की अगुवाई में 10 विपक्षी दलों के 15 नेता गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे। ये किसानों से मिलना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने इन्हें रोक दिया। ऐसे में विपक्ष के डेलिगेशन को गाजीपुर से बैरंग लौटना पड़ा था।

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