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  • इंग्लैंड के नेशनल हेल्थ सर्विस यानी एनएचएस जल्द ही ब्लड टेस्ट का एक ऐसा ट्रायल शुरू कर सकता है जिससे 50 से अधिक तरह के कैंसर को काफी शुरूआती स्टेज में ही डिटेक्ट किया जा सकता है और इससे कई लोगों की जान बचाने में मदद मिल सकती है. इस टेस्ट के सहारे किसी भी इंसान के कैंसर होने से पहले ही ट्यूमर के स्पॉट्स का कई साल पहले ही पता लगा लिया जाएगा जिससे मरीज के बचने की संभावना काफी बढ़ जाएगी.
  • इस टेस्ट का नाम गैलेरी टेस्ट है और एनएचएस का दावा है कि इससे 50 से भी अधिक कैंसर को डिटेक्ट किया जा सकता है. इस टेस्ट्स के शुरूआती ट्रायल काफी सकारात्मक आए हैं. माना जा रहा है कि एनएचएस एक बड़े स्तर पर कैंसर स्क्रीनिंग प्रोग्राम रख सकता है जिससे सैंकड़ों लोगों को बचाया जा सकता है. इस टेस्ट को ऐसे डिजाइन किया गया है जिससे ये खून में हुए आणविक बदलावों को डिटेक्ट कर सकता है जो कैंसर की वजह से होते हैं.
  • अगले तीन सालों में एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 50 से 79 की उम्र के 1 लाख 40 हजार  लोगों को इस टेस्ट के लिए कहा जाएगा और इस प्रोजेक्ट को अगले तीन साल में निपटाने की उम्मीद है. इसे अमेरिका के कैलिफॉर्निया शहर की कंपनी ग्रेल फंड कर रही है और इसी कंपनी ने इस ब्लड टेस्ट को डिजाइन किया है और अगर ये टेस्ट पूरी तरह से सफल साबित हुए तो इस टेस्ट को अगले कुछ सालों में 10 लाख लोगों पर ट्रायल कराया जा सकता है.
  • पिछले कई सालों से वैज्ञानिक कैंसर की रोकथाम के लिए एक भरोसेमंद ब्लड टेस्ट को डेवलप करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन ये काफी जटिल साबित हुआ है. हालांकि इस टेस्ट को लेकर कई डॉक्टर्स और वैज्ञानिक पॉजिटिव हैं. वैज्ञानिकों का दावा है कि ये खासकर सर, गले, ओवेरी और अग्न्याशय के कैंसर को लेकर काफी लाभदायक साबित हो सकता है क्योंकि इन कैंसर का ट्रीटमेंट काफी मुश्किल होता है और इसमें मरीज के बचने के चांस भी कम होते हैं.
  • एनएचएस के बॉस साइमन स्टीवन्स ने कहा कि आमतौर पर लोग कैंसर को डिटेक्ट करने में काफी देरी कर देते हैं जिसके चलते अक्सर इस बीमारी से पीड़ित लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है. लेकिन ये टेस्ट इस मायने में गेम चेंजर साबित हो सकता है. इसी के साथ यूके पहला ऐसा देश बन सकता है जो एक ब्लड सैंपल के सहारे अपने देश के लोगों को कैंसर के लिए स्क्रीनिंग कर सकता है.

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