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जयपुर, 18 अगस्त (हि.स.)। राजस्थान में कार्यरत सरकारी कार्मिकों की पदोन्नति में अब तीसरी संतान बाधा नहीं बनेगी। राज्य सरकार ने मंगलवार को राजस्थान विभिन्न सेवा (संशोधन) नियम और विनियम 2020 को मंजूरी दे दी। इस संबंध में कार्मिक विभाग ने अधिसूचना जारी की। संयुक्त शासन सचिव जयसिंह ने राज्यपाल की मंजूरी के बाद इस संबंध में जारी अधिसूचना में किए संशोधन में साफ किया है कि यदि किसी व्यक्ति ने पुर्नविवाह किया है तो दूसरे विवाह से एकल प्रसव के माध्यम से किसी संतान का जन्म हुआ है तो उसे पदोन्नति के लिए अयोग्य नहीं ठहराया जा सकेगा। इसके लिए सेवा नियमों के कॉलम संख्या 3 के उप नियम (4) में संशोधन कर कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति ने विधि के विरूद्ध नहीं होकर पुर्नविवाह किया है और पुर्नविवाह से पूर्व इस उप नियम के अधीन वह पदोन्नति के लिए वह पात्र है तो उसे 1 जून 2002 से पदोन्नति का लाभ दिया जा सकेगा। इसके लिए पुर्नविवाह के बाद एकल प्रसव द्वारा किसी एक संतान का जन्म पात्रता मानी जा सकेगी।

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