फैसले में रामचरित मानस की लिखी चौपाई*
कोटा । 7 साल की मासूम बेटी के साथ महीने भर में कई बार दुष्कर्म करने वाले पिता को पॉक्सो कोर्ट ने अंतिम सांस तक जेल की सजा सुनाई है। शनिवार को कोर्ट नंबर- 3 के जज दीपक दुबे ने फैसला सुनाते हुए रामचरित मानस की चौपाई लिखी। उन्होंने काग भसुंडि का कलयुग से जुड़ा प्रसंग बताते हुए पिता के खिलाफ फैसला सुनाया। सरकारी वकील ललित कुमार शर्मा ने बताया कि न्यायाधीश दीपक दुबे ने 15 पेज के फैसले में रामचरित मानस की चौपाई लिखी है। उन्होंने लिखा-‘रामचरितमानस में कलयुग के प्रसंग को बताते हुए काग भुसुण्डि ने गरुड़ से कहा-
‘कलिकाल बिदाल रिए मनुजा,
नहि मानत क्यों अनुजा तनुजा’
अर्थात- कलयुग में मनुष्य बहन-बेटी का भी विचार नहीं करेगा। फैसले में कोर्ट ने मां के हौसले की तारीफ की है। जज ने लिखा- यह न्यायालय मुक्त कंठ से पीड़िता बेटी की माता के हौसले का सम्मान करता है। कोर्ट ने कहा- पिता यह भी भूल गया कि वो उसकी सगी बेटी है । कोर्ट ने टिप्पणी में लिखा – आरोपी पिता द्वारा कुकृत्य करते समय इस मर्यादा को भी भुला दिया गया कि बेटी स्वयं उसकी सगी पुत्री है। उसके साथ इस प्रकार का घृणित कृत्य करेगा तो उसकी बेटी को न केवल असहनीय शारीरिक पीड़ा होगी बल्कि उसे पहुंचने वाली मानसिक पीड़ा को वह जीवन भर नहीं मिटा पाएगी । यदि आरोपी पिता को कठोर दंड से दंडित नहीं किया गया तो यह पॉक्सो अधिनियम की अपेक्षा के अनुरूप नहीं होगा और संभव है कि मासूम बेटियों का बचपन उनका संरक्षण करने वाले हाथों के द्वारा ही कुचला जाता रहेगा। यह न्यायालय मुक्त कंठ से पीड़िता बेटी की माता के हौसले का सम्मान करता है। जिसने अत्यंत पिछड़ी जनजाति वर्ग होने के बाद भी अपनी मासूम की पीड़ा को न केवल समझा बल्कि तत्काल प्रतिकार स्वरूप कानूनी कार्रवाई कर अपने पति को दंड दिलाने में सहायता की, जबकि वह स्वयं अत्यंत गरीब होकर मजदूरी करती थी और अपनी तीन संतानों के भरण पोषण के लिए अपने पति पर आश्रित थी । यह उदाहरण समाज के लिए प्रकाश स्तंभ की भांति यह संदेश प्रसारित करता है कि अन्याय करने वाला कोई भी क्यों ना हो उसे दंड आवश्यक दिलाना चाहिए। बेटी पर हो रहे इस अत्याचार को एक मां सहन नहीं कर पाई और बेटी और एक बेटे को लेकर अपने मायके भाग आई।
मां को पीटता था, जबरन बेटी को उठा ले जाता
सरकारी वकील ललित कुमार शर्मा ने बताया- पीड़िता की मां ने 2 अगस्त 2021 को एसपी बारां को परिवाद दिया था। इसके बाद एसपी से परिवाद महिला थाना बारां में बिना नंबर की एफआईआर दर्ज कर 4 अगस्त को संबंधित थाना देवली मांझी को भेज दिया गया। परिवाद में पिता पर आरोप था कि उसने 2 अगस्त 2021 के पहले करीब जुलाई माह में अपनी 7 साल की मासूम बेटी के साथ एक खेत में बने कमरे में कई बार दुष्कर्म किया। बेटी की मां ने अपने परिवाद में लिखा था कि उसका पति हाली का काम करता है । आए दिन उसके साथ मारपीट करता है और उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म करता है। वह अपनी जान बचाकर 2 अगस्त को 2 बेटियों और एक बेटे सहित वहां से निकल कर आ गई। परिवाद में पीड़ित मां ने लिखा कि पति उसे और उसकी बेटी को तलाश रहा है और कभी भी बड़ी वारदात कर सकता है। देवली माझी थाना पुलिस ने दुष्कर्म की धारा एवं पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की। मामले में आरोपी पिता के खिलाफ 25 अक्टूबर 2022 को न्यायालय में चालान पेश किया था। अभियोजन पक्ष की ओर से 15 गवाहों के बयान कराए गए। 20 दस्तावेज पेश किए। जज ने पीड़ित प्रतिक्रम स्कीम के तहत पीड़िता को 10 लाख रुपए दिलाने की अनुशंसा की है।