बारां जिले में सबसे चर्चित और खर्चीली माने जाने वाली अंता विधानसभा सीट पर इस बार भी चुनाव बेहद रोचक होने की संभावना दिखाई दे रही है भारतीय जनता पार्टी किसी भी प्रकार से इस सीट पर काबीज होकर जिले में कांग्रेस की जड़ों को उखाड़ने के प्रयास में है
जिले की सबसे चर्चित अंता विधानसभा जो लगातार से विधानसभा में तीन बार से कैबिनेट मंत्री पद हासिल करती रही है रघुवीर सिंह कौशल प्रभु लाल सैनी प्रमोद जैन भाया जैसे विधायकों यहां से चुने जाने पर इस सीट ने हमेशा ही विधानसभा में जिले का प्रतिनिधित्व किया है कहा जाता है कि अगर कांग्रेस अंता हार गई तो तो मानों जिला हार गई भारतीय जनता पार्टी इस बार किसी भी प्रकार से ही सीट को हासिल करने के जुगत में है प्रमुख रूप से आनंद गर्ग प्रखर कौशल के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं गत विधानसभा में 30हजार से अधिक वोटो से हार का मुंह देख चुके प्रभु लाल सैनी के भी इस सीट से फिर से चुनाव लड़ने की चर्चा सुनाई दे रही है लेकिन यह भी चर्चा है कि प्रभु लाल सैनी इस विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहते जैसा दिखाई दे रहा है हाल ही में भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेश की प्रमुख सीटों पर जिस प्रकार से सांसदों को उतार कर कांग्रेस के सामने परेशानी खड़ी की गई है लगता है प्रदेश नेतृत्व अंता विधानसभा सीट से इसी प्रकार का गणित बैठा कर किसी भारी भरकम प्रत्याशी या फिर सांसद को चुनाव लड़ने का निर्देश दे सकती है अगर ऐसा होता है तो सांसद दुष्यंत सिंह को भारतीय जनता पार्टी इस विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया के खिलाफ चुनाव लड़ा कर मुकाबले को रोचक बना सकती है इसके पीछे सबसे बड़ी गणितीय भी है प्रमोद जैन भाया जिसके कंधे पर जिले की तीन अन्य सीटों को जिताने की दारमदार भी है वह किसी भी प्रकार से अंता विधानसभा में ही उलझ कर रह जाए और भाया के भाव में कांग्रेस को जिले की तीनों सीटों पर भाया के प्रभाव का लाभ नहीं मिल सके यह चर्चा आम है कि आगर आनंद गर्ग या प्रखर कौशल को इस विधानसभा से प्रत्याशी नहीं बनाया जाता. है तो भारतीय जनता पार्टी सांसद दुष्यंत सिंह को यहां प्रत्याशी बनाकर वसुंधरा जी को भी इस विधानसभा में व्यस्त कर सकती है ताकि बारां झालावाड़ जिले की विधानसभाआ में वसुंधरा राजे के प्रभाव का लाभ भारतीय जनता पार्टी को मिल सके और यह कहावत भी सिद्ध हो जाए कि अगर भारतीय जनता ने . अंता जीत लिया तो जिला जीत लिया भाजपा का राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व आगे क्या रणनीति अपनाता है यह प्रत्याशीयोकी सूची घोषणा होने के बाद स्पष्ट हो सकेगा वर्तमान में अंतर विधानसभा के हालात देखे जाएं तो यहां अंता वाली सीसवाली क्षेत्र में का खासा प्रभाव है वही मांगरोल और बारां ग्रामीण क्षेत्र में भाया अपनी ताकत रखते हैं यह चुनाव भले ही पिछले विधानसभा चुनाव जैसा हार जीत में भारी अंतर का ना रहे लेकिन इस बार चुनाव को देखकर यह कहा जा सकता है यहां टक्कर कड़ी होने की संभावना है फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता गत जिला परिषद और पंचायत चुनाव में इस विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था इस बार इस विधानसभा के मतदाताओं गज चुनाव की उपेक्षा ज्यादा मुखर दिखाई दे रहे हैं जिसका लाभ भी भारतीय जनता पार्टी को मिलने की संभावना है