राजधानी जयपुर में एक गर्भवती महिला को खाना देने के बहाने दिनदहाड़े एंबुलेंस में गैंगरेप करने वाले दोनों युवकों को पुलिस ने बुधवार देर रात गिरफ्तार किया। वारदात के बाद पीड़िता पुलिस के पास पहुंची। तब उसके पास एंबुलेंस के नंबर नहीं थे, जिसमें उसके साथ गैंगरेप हुआ। वह एसएमएस अस्पताल की पुलिस चौकी पर पहुंची थी। उसने वहां खड़ी एक वैन को देख चौकी प्रभारी एएसआई राजेंद्र शर्मा को बताया कि सुरेंद्र और महेंद्र के पास ऐसी ही एंबुलेंस थी। सीट पर लाल रंग की दरी बिछी हुई थी और स्पीकर भी लगे हुए थे।

एंबुलेंस की हुई पहचान

पुलिस पीड़िता को लेकर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सामने पहुंची। वहां एंबुलेंस स्टैंड पर एक-एक गाड़ी को देखना शुरू किया। महिला सुरेंद्र योगी की एंबुलेंस को पहचान गई। वहां आसपास मौजूद अन्य ड्रा पता चला कि सुरेंद्र कई घंटों से गायब है।

तब मोबाइल नंबरों और रजिस्ट्रेशन के आधार पर ड्राइवर सुरेंद्र योगी को नामजद कर तलाश किया। वारदात में शामिल महेंद्र मीणा उर्फ गोट्या को पुलिस ने बुधवार को धरदबोचा। इनमें सुरेंद्र योगी कानोता में रहता है। वह भरतपुर जिले में भुसावर का रहने वाला है। दूसरा आरोपी महेंद्र मीणा दौसा जिले में कालाखोह में रहता है। ये दोनों ही जयपुर में एंबुलेंस चलाते हैं।

चुप रहने के लिए लालच दिया

जानकारी के अनुसार, वारदात के बाद महेंद्र और सुरेंद्र ने महिला को चुप रहने के लिए मदद करने का झांसा दिया। आरोपियों ने कहा कि दुष्कर्म की बात किसी को नहीं बताओगी तो तुम्हें खाना, एक किलो देसी घी और 500 रुपए नकद देंगे । महिला लालच में नहीं आई। वह सीधे पुलिस चौकी पहुंची और एएसआई राजेंद्र को आपबीती बताई। तब मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा। गैंगरेप और एसटी एससी एक्ट में केस दर्ज कर अनुसंधान गांधी नगर एसीपी राजवीर सिंह चौधरी को सौंपा गया।

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