कोटा 13 मई । कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप से हर वर्ग चिंतित है। इसकी रोकथाम को लेकर सरकारी प्रयास जारी हैं। लोग भी अपने काम धंधे की चिंता छोड़कर अपने परिवार की सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में शहर के सामाजिक सरोकार से जुड़े एक लोकप्रिय व्हाट्सऐप ग्रुप विचित्र पुराण ने अपने सदस्यों और अन्य लोगों को जागरुक करने के लिए गुरुवार को कोरोना से बचाव के लिए एक वर्चुअल सेमिनार का आयोजन किया।
ग्रुप के एडमिन सुरेन्द्र गोयल विचित्र ने बताया कि इस परिसंवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आमजन तक घर पर ही रहकर कोरोना से जंग लड़ने और जीतने के तरीके पहुंचाना था। उन्होंने बताया कि इस सेमिनार में कोटा सहित देश के विभिन्न हिस्सों से सैंकड़ों लोगों ने अपने परिजनों के साथ हिस्सा लिया। कुछ कोरोना पीड़ितों ने भी होम आइसोलेशन के दौरान इस कार्यक्रम में शरीक होकर इस पर अमल करने का संकल्प लिया।

सेमिनार के मुख्य वक्ता वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ साकेत गोयल थे। कार्यक्रम का सफल संचालन संजीव अग्रवाल और मीता अग्रवाल ने किया। विचित्र ने बताया कि सेमिनार में डॉ. गोयल ने कोरोना के प्रारंभिक लक्षण और टीकाकरण से जुड़े कुछ सवालों के जवाब देकर लोगों की शंकाओं का निवारण भी किया।

महत्वपूर्ण सवाल.. जो किए गए

सवाल- यदि किसी को हल्का बुखार, ज़ुकाम, थोड़ी गले में खराबी आदि हो तो स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इसे कोरोना के लक्षण मानकर RT-PCR जांच करवा लेना चाहिए।
जबकि वह व्यक्ति जब अपने डाक्टर से परामर्श लेते हैं तो वो उन्हें शुरू में कोरोना नहीं मानकर साधारण उपचार शुरू कर देते हैं। ऐसे में मरीजों को क्या करना चाहिए ? क्योंकि सरकारी अस्पतालों डिस्पेंसरी में जांच के लिए लंबी लाइन है.. वहां जाने से खतरा और तो नहीं बढ़ जाएगा ?
डॉ गोयल- *महामारी का नियम है की कोई भी बुख़ार या गला ख़राब होने का लक्षण कोविड ही माना जाएगा। इसीलिए पहले दिन से ही खुद को आइसोलेट कर लें और कोविड की दवा चालू कर दें। इससे ना केवल आपको आराम मिलेगा अपितु साथ ही कोरोना का प्रसार कम होगा।*

सवाल- जिन लोगों ने टीके की पहली डोज लगवा ली है परन्तु दूसरी डोज डेट निकलने के बाद भी लगवाना संभव नहीं हो पा रहा है। कारण.. लंबी लाइनें लगी हुई है। अव्यवस्था है, प्राइवेट हॉस्पिटल में लग नहीं रही है.. तो ऐसी स्थिति में क्या पहली डोज लगवाना बेकार हो जाएगा या कितने दिनों बाद तक भी लगवा सकते हैं ?
डॉ गोयल- *बेहतर है अगर हम गाइडलाइंस निर्देशित समयावधि में सेकंड डोज़ ले पाएँ। फिर भी अगर किसी वजह से देरी हो तो यथासंभव जल्दी लगा लें। थोड़ा असर कम होगा पर पहली डोज़ बेकार नहीं जाएगी। अब तो सुनने में आ रहा है कि कोविशिल्ड वैक्सीन में दूसरी डोज का समय बढ़ाया जा रहा है।*

सवाल- ऐसे लोग जिनके अन्य कोई ऐसी बीमारी या लाचारी है जिसके कारण वो किसी निजी या सरकारी अस्पतालों में जाकर टीका नहीं लगवा सकते हैं और सरकार की ओर से घर पर टीका लगवाने की सुविधा नहीं है। तो ऐसे लोग जब तक टीका नहीं लगे तब तक अपने शरीर की इम्यूनिटी कैसे बढ़ाकर सुरक्षित रह सकते हैं ?
डॉ गोयल- *रोज़ाना अपना नियमित व्यायाम, कुछ योगासन। साथ ही प्राणायाम जिसमें विशेषकर ब्राहमंरि करें जिससे श्वसन तंत्र सुद्रड़ हो। नियमित हल्का प्रोटीन युक्त भोजन करें।*

सवाल- जिन लोगों को हाल ही में कोरोना हुआ है.. उन्हें वैक्सीन की पहली या दूसरी डोज कितने दिनों तक रुककर लगवानी चाहिए ?
डॉ गोयल- *कोरोना के बाद वैक्सीन की पहली या दूसरी किसी भी डोज़ लेने में ८ हफ़्ते का अंतराल होना चाहिए।*
वर्चुअल सेमिनार में हार्टवाइज़ के संयोजक डॉ साकेत गोयल ने होम केयर इज बेस्ट केयर विषय पर बोलते हुए कहा कि कोरोना महामारी मे इस समय कोविड रोगियों के लिए ऑक्सीजन/ बेड की उपलब्धता बहुत बड़ा चिंता का विषय हैं। कोविड रोगी के लिए 6 से 12 दिन का समय सबसे ज्यादा क्रिटिकल होता हैं। इस समय शरीर मे ऑक्सीजन का लेबल बने रहना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता हैं। पिछले कुछ दिनों से लगभग हर शहर में ऑक्सीजन की आपूर्ति में भारी कमी हो रही हैं।

आम तौर पर मैं सोशल मीडिया पर विशेष चिकित्सा सलाह देने से बचता हूं, लेकिन ये समय ऐसा है जहां कई लोगों के लिए चिकित्सकीय सलाह लेना भी मुश्किल हो रहा है। इसके अलावा कई जगह अप्रभावी और अधूरे इलाज भी दिए जा रहे हैं।

ये कुछ उपाय हैं, जो किसी व्यक्ति द्वारा अपनी ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए किए जा सकते हैं।

*1.* आराम करें

मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह आराम करें । न्यूनतम फोन कॉल / कम नेट -सर्फिंग / कम वार्तालाप जरूरी है। इससे शरीर की ऑक्सीजन की मांग कम हो जाएगी।

*2.* प्रोनिंग करें
पेट के बल उल्टा लेट कर अपनी छाती के नीचे तकिया लगाकर गहरी शांत श्वास लें। आप यह दिन में कई बार जितने ज़्यादा समय के लिए कर सकें, करना है। प्रोनिंग से फेफड़ों के बेस और पीछे के हिस्से में द्रव का संचय कम होता है और यह कोविड से फेफड़ों को नुक़सान को कम करता है। प्रोनिंग से आपका ऑक्सिजन स्तर कुछ डिग्री ऊपर बड़ता है।

*3.* हल्की श्वास क्रिया पर ध्यान दें

अत्यधिक एवं तीव्र श्वास व्यायाम से बचें। पूर्ण प्राणायाम, कोविड के पहले और बाद के चरण के लिए है। कोविड चरण के दौरान शांत हल्की श्वास क्रिया पर ध्यान दें। ब्रह्मरी और ओम ॐ का जाप करें, जो नाइट्रिक ऑक्साइड उत्पादन और ब्रोन्कोडायलेटेशन के माध्यम से फेफड़ों की रक्षा करते हैं।

*4* खून के थक्के से नुकसान हो सकता है

कोविड में खून के थक्के बनने से भी फेफड़ो को नुक़सान पहुंचता हैं। इसलिए अपने चिकित्सक से रक्त पतला करने की दवा जोड़ने के बारे में पूछ ले। इसको 4-6 सप्ताह तक जारी रखा जा सकता है। आपका चिकित्सक आपको कम मात्रा में स्टेरॉयड टबलेट्स भी दे सकता है। इसको इन्हेलर के माध्यम से भी दिया जा सकता है।

इन उपायों को आप अपने घर पर अपनाएँ। साथ ही नियमित ऑक्सिजन स्तर की जाँच करें। 6 मिनट वॉक टेस्ट करें। कोई भी गंभीर लक्षण होने पर ही अस्पताल पहुँचे।

*कोविड में अस्पताल में बेड की कमी के दौर में घर पर क्या करें*

कोविड -19 का होम मैनज्मेंट:

-सबसे अधिक महत्वपूर्ण माणक ऑक्सीजन स्तर है। लक्ष्य 92-94 है।
-अगर आपकी ऑक्सीजन स्तर 92-94 है, तो आपको इस संदेश को आगे पढ़ने की आवश्यकता नहीं है • ऑक्सीजन के स्तर की निगरानी जारी रखें, घर पर रहें • आपको अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं है • आपको स्टेरॉयड की आवश्यकता नहीं है, इस स्तर पर अगर आप स्टेरॉयड लेते हैं तो आपके लिए नुक़सानदायक हो सकता है। • आपको एक्स-रे की आवश्यकता नहीं है • आपको सीटी स्कैन की आवश्यकता नहीं है • आपको किसी भी रक्त परीक्षण की आवश्यकता नहीं है ।
-अगर आपके ऑक्सीजन का स्तर 91% या उससे कम है:
1. स्टेरॉयड शुरू करें। स्टेरॉयड इंजेक्शन और टैबलेट में समान प्रभावशीलता है।
• डेक्सामेथासोन 6mg टैबलेट या इंजेक्शन- दिन में एक बार 10 दिनों के लिए।
2. रक्त को पतला करने की दवा शुरू कर सकते हैं।
• आप निम्न में से किसी एक को ले सकते हैं,
-ऐपिक्साबान 2.5mg दिन में दो बार या
-रिवोरोककसाबान 10mg दिन में एक बार
* अगर आप कलोपिडोग्रेल नाम से खून पतला करने की दवा ले रहें हैं तो डॉक्टर से सलाह करें।
* अगर आपको किसी प्रकार का रक्तस्राव होता है तब भी सलाह लें।
3. रेमेडिविर बहुत उपयोगी नहीं है। यदि केवल बीमार होने के 5 दिनों के भीतर दिया जाता है तो यह बीमारी की अवधि को कम करने में मदद करता है ।
4. टोसीलिज़ुमैब इंजेक्शन केवल तभी जब आपको अस्पताल में बाईपैप के साथ 50% से अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता हो या यदि आप वेंटिलेटर पर हैं तो • इसके अनावश्यक उपयोग से फंगल या अन्य न्यूमोनिया या अन्य संक्रमण होने का जोखिम होता है क्योंकि यह शरीर की प्रतिरक्षा को गंभीर रूप से कम करता है।
5. जब भी बिस्तर पर रहें अपने पेट के बल लेटने की कोशिश करें न कि अपनी पीठ पर (प्रोनिंग)। इससे ऑक्सीजन के स्तर को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
6. जैसा कि आप ऊपर देख सकते हैं, सभी निर्णय इस आधार पर किए जाते हैं कि आपको कितनी ऑक्सीजन की आवश्यकता है। किसी भी सीटी स्कैन या एक्स-रे की कोई आवश्यकता नहीं है। सीटी या एक्स-रे किसी भी उपचार को तय करने में मदद नहीं करता है। यह समय और धन की बर्बादी है।
7. यदि आपको घर पर 3-4L से अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता है, तो अस्पताल का बिस्तर खोजने की कोशिश करें।

*कोविड -19 का गृह ऑक्सीजन प्रबंधन:*

-अधिक महत्वपूर्ण है ऑक्सीजन स्तर की निगरानी। यह 92-94 होना चाहिए।
-अगर ऑक्सीजन स्तर 91 या उससे कम है, तो ऑक्सीजन का उपयोग शुरू करें।
-ऑक्सीजन स्तर 92-94 प्राप्त करने के लिए 1L या 2L या उच्च प्रवाह पर ऑक्सीजन शुरू करें।
-अगर ऑक्सीजन स्तर फिर से कम हो जाती है, तो प्रवाह को 3L या 4L या 5L या अधिक तक बढ़ा सकता है यदि संतृप्ति रीडिंग 92-94 प्राप्त करने के लिए मशीन पर विकल्प है।
-92-94 का ऑक्सिजन स्तर पर्याप्त है। 99 या 100 बनाने के लिए ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है। कभी-कभी अधिक स्तर हानिकारक होता है।
-एक बार ऑक्सीजन शुरू होने के बाद ऑक्सीजन के स्तर में सुधार होने में बहुत समय नहीं लगता है। इसमें लगभग 2/3 मिनट या उससे कम समय लगता है। यदि 2/3 मिनट में ऑक्सीजन का स्तर नहीं सुधर रहा है, तो इसका मतलब है कि आपको ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाने की आवश्यकता है।
– ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और सिलेंडर के बीच ऑक्सीजन की गुणवत्ता में कोई अंतर नहीं है।

कोटा में प्लाज्मा थेरेपी के पायोनियर रहे डॉ साकेत जी ने यह भी बताया कि कोविड के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी प्रथम सात दिन में ही कारगर है बाद में इसका कोई विशेष लाभ नहीं है।

डाॅ साकेत जी गोयल ने एक बात बहुत अच्छी बताई‌..
पहला हफ्ता आपका
दूसरा हफ्ता डाक्टर का
तीसरा हफ्ता भगवान का

आज के परिसंवाद कार्यक्रम में डाॅ साकेत गोयल जी ने बहुत ही सुन्दर तरीके से *होमकेयर इज बेस्ट केयर* पर प्रकाश डाला एवं इस बात पर जोर दिया *मास्क मास्क केवल मास्क* एवं *वैक्सीन वैक्सीन केवल वैक्सीन*

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