देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। दूसरी लहर ने पूरे देश में तबाही मचा है दी है और ऐसा पहली बार है, जब भारत में एक दिन में 2.60 लाख से अधिक कोरोना के केस सामने आए हैं। कोरोना की बढ़ती इस भयावह रफ्तार को देखते हुए एक बार फिर से देश में लॉकडाउन की आहट सुनाई देने लगी है। फिलहाल, देश की करीब 57 फीसदी आबादी पाबंदियों की जद में है, मगर जिस तरह से कोरोना बेलगाम हो चुका है, ऐसे में सरकार के पास एकमात्र विकल्प लॉकडाउन बचता है। हालांकि, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि देश में जल्दबाजी में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा और फिलहाल ऐसी स्थिति भी नहीं दिख रही है। 

दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए एक इंटरव्यू में अमित शाह से जब पूछा गया कि पिछले साल की तरह, कोरोना को नियंत्रित करने के लिए क्या लॉकडाउन ही विकल्प है? शाह ने कहा- हम कई स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा कर रहे हैं। शुरू में लॉकडाउन का उद्देश्य अलग था। हम बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और उपचार की रेखा तैयार करना चाहते थे। तब हमारे पास कोई दवा या टीका नहीं था। अब स्थिति अलग है। फिर भी, हम मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर रहे हैं। आम सहमति जो भी हो, हम उसी के अनुसार आगे बढ़ेंगे। मगर जलदबाज़ी में लॉकडाउन करने जैसी स्थिति नहीं दिख रही।

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