नवरात्रों के 9 दिन के बाद आने वाला दशहरा बड़े धूमधाम से देश के सभी हिस्सों में मनाया जाता है। बता दें कि हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का त्यौहार हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है। इस त्यौहार का सीधा संदेश यह होता है कि असत्य चाहे जितना भी मजबूत क्यों ना हो, लेकिन ‘सत्य’ की विजय अवश्य होती है। अर्थात बुराई पर अच्छाई की अंतिम विजय निश्चित है। भारत के अधिकांश हिस्सों में दशहरे का त्यौहार मनाया जाता है, लेकिन भारत के छः जगह अपने भव्य दशहरा सेलिब्रेशन के लिए काफी प्रसिद्ध हैं।  आइए जानते हैं।

कुल्लू का दशहरा

भारत के सभी दशहरा सेलिब्रेशन में कुल्लू दशहरे का स्थान नंबर वन पर है और इसे सबसे अधिक भव्य दशहरा सेलिब्रेशन के स्थान के तौर पर जाना जाता है। कहा जाता है कि यहां पर दशहरे का त्यौहार 17वीं शताब्दी से जारी है। कुल्लू में दशहरा 7 दिन तक लगातार चलता है और इस दौरान सभी भक्त अपने देवी देवताओं को सुंदर सजीले डोली में बिठाकर मंदिर के मैदान में ले आते हैं और कहा जाता है कि कुल्लू के मुख्य भगवान, ‘भगवान जगन्नाथ’ इनसे मिलने के लिए आते हैं। इस दौरान यहाँसांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहती है।

 

मैसूर का दशहरा

दूसरे नंबर पर नाम आता है मैसूर के दशहरे का। यहां दशहरे का त्यौहार लगातार नौ दिनों तक जारी रहता है और इस दौरान पूरे मैसूर शहर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। इसके साथ ही मशहूर ‘मैसूर पैलेस’ को बड़े भव्य तरीके से सजाया जाता है। यहां चामुंडेश्वरी मंदिर में विशेष तौर पर दशहरे का आयोजन होता है और इस आयोजन को देखने के लिए दुनिया भर के सैलानी इस दौरान एकत्रित होते हैं।

 

बस्तर का दशहरा

वैसे तो छत्तीसगढ़ राज्य नक्सलियों के लिए मशहूर है, लेकिन यहाँ का सबसे खतरनाक इलाका ‘बस्तर’ अपने दशहरा सेलिब्रेशन के लिए पूरी दुनिया भर में जाना जाता है। इतना ही नहीं, यहां दशहरे का सबसे लंबा कार्यक्रम 75 दिनों तक जारी रहता है, और इस दौरान आदिवासी संस्कृति बेहद भव्य तरीके से उभर कर दुनिया के सामने आती है। इतिहास के अनुसार बस्तर में तेरहवीं शताब्दी से दशहरे का त्यौहार मनाया जाता है। वहीं सबसे आश्चर्य की बात यह है कि 75 दिनों तक चलने वाले इस दशहरे कार्यक्रम में रामायण या भगवान राम से जुड़ा एक भी प्रसंग आपको देखने को नहीं मिलेगा।

आंध्र प्रदेश का विजयवाड़ा दशहरा

विजयवाड़ा में भी लगातार 10 दिनों तक दशहरे का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है और यहां पर कनका दुर्गा मंदिर जो कि कृष्णा नदी के किनारे पर बना हुआ है, वहां दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है। यहां पर दशहरे के दिन कृष्णा नदी में स्नान करने को बेहद शुभ माना जाता है और इस दिन तमाम तरह के देवी देवताओं की पूजा भी की जाती है जिनमें सरस्वती पूजा विशेष होती है।

 

इस दौरान यहां होने वाला ‘टाइगर नृत्य’ भी लोगों को बेहद आकर्षित लगता है।

 

कोटा का दशहरा

रंगीला प्रदेश राजस्थान में सभी प्रसिद्ध त्यौहार मनाए जाते हैं, लेकिन राजस्थान के कोटा शहर में मनाया जाने वाला दशहरा देखने के लिए देशभर के कई हिस्से से लोग आते हैं। इस दौरान यहां स्थानीय लोगों द्वारा राजस्थान के पारंपरिक नृत्य भी पेश किए जाते हैं।

 

मंगलौर का दशहरा

मंगलौर का दशहरा भी देश भर में प्रसिद्ध है और इस दौरान यहां पर टाइगर डांस और बियर डांस देखने के लिए देश और दुनिया के लोग इकट्ठा होते हैं।

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