दुनिया में कोरोना का कहर लगातार बढ़ रहा है। इसी साथ इसके नए-नए लक्षण भी सामने आ रहे हैं। स्पेन के मैड्रिड स्थित रामोन वाई कैजल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के विशेषज्ञों का कहना है कि मुंह के भीतर तालु में घाव या लाल चकत्ते भी संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं। शोधकर्ताओं ने 30 मार्च से आठ अप्रैल के बीच 21 कोरोना संक्रमित मरीजों पर अध्ययन किया जिसमें ये पता चला है। वैज्ञानिकों ने कहा कि छह मरीजों के मुंह के भीतर छोटे-छोटे धब्बे देखे गए जो नाक और गले के भीतर तक थे। जिन मरीजों में कोरोना के ये लक्षण दिखे उनकी उम्र 40 से 69 वर्ष के बीच थी।

चिकित्सकों का कहना है कि संक्रमित के मुंह की जांच जरूरी है। एहतियात के तौर पर मुंह की जांच नहीं हो रही है या इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है क्योंकि यहां से संक्रमण फैलने की संभावना अधिक है। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के प्रोटोकॉल में ईएनटी विशेषज्ञों का होना जरूरी है जिससे इस तरह की तकलीफों का समय रहते पता चल सके।

मास्क पहनने वाले भी हो सकते हैं संक्रमित-

मास्क संक्रमण से बचाने में मदद देने के साथ संक्रमित से वायरस के फैलने का खतरा भी टालता है। एक शोध में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के सानफ्रांसिस्को जनरल अस्पताल की इन्फेक्शियस डिसीज विशेषज्ञ डॉ. मोनिका गांधी ने बताया, मास्क पहनने वाले लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। लेकिन मास्क पहनने वाले के शरीर में कम मात्रा में वायरस प्रवेश करता है। इनमें बहुत हल्के लक्षण आते हैं या आते ही नहीं हैं। एक सर्वे में ये पता भी चला है कि मास्क पहनने वाले 55.8 फीसदी लोग कोरोना की चपेट में आए जबकि मास्क न पहनने वाले लोगों का आंकड़ा 80.8 फीसदी था। डॉ. मोनिका के अनुसार मास्क पहनने वाले में कम मात्रा में वायरस जाते ही इम्युनिटी सक्रिय हो जाती है और वायरस खत्म कर देती है।

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