जयपुर, 22 अगस्त (हि.स.)। राजस्थान के 50 चुनिंदा सरकारी कॉलेजों में इसी सत्र से रोजगारोन्मुख कौशल प्रशिक्षण आरंभ किए जाएंगे। कोरोना महामारी में राज्य सरकार की ओर से कॉलेजों में विद्यार्थियों का प्रवेश निषिद्ध रहने तक ये रोजगारोन्मुख कौशल प्रशिक्षण ऑनलाइन मोड पर आयोजित करवाए जाएंगे। यह प्रशिक्षण पूर्णतया स्ववित्तपोषी होंगे। इसके लिए सरकारी स्तर पर किसी तरह के संसाधन या वित्तीय सहायता मुहैया नहीं कराई जाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण में प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में रोजगारोन्मुख कौशल प्रशिक्षण कोर्सेज शुरु करने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री की मंशा को पूरा करने के लिए कॉलेज शिक्षा निदेशालय कवायद करता, इससे पहले कोरोना महामारी का कहर टूट पड़ा। इसके बाद से कॉलेजों में शैक्षणिक गतिविधियों पर पूरी तरह पाबंदी है। अब निदेशालय ने प्रदेश के जिलों में 50 कॉलेजों को चिह्नित किया है, जिनमें इसी सत्र से रोजगारोन्मुख कौशल प्रशिक्षण शुरु किया जाएगा। निदेशालय की ओर से जो कॉलेज चिह्नित किए गए हैं, उनमें अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौडगढ़़, चूरू, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जालोर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, करौली, कोटा, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर, कोटपुतली, कालाडेरा, सांभर लेक, आबूरोड, बालोतरा की सरकारी कॉलेज शामिल हैं। इस संबंध में निदेशक कॉलेज शिक्षा संदेश नायक ने आदेश जारी किया है। निदेशालय की मंशा है कि पहले चरण में चयनित 50 कॉलेजों में ये पाठ्यक्रम आरंभ हो, ताकि दूसरे कॉलेजों को रोल मॉडल मिल सके। चार चरणों में प्रदेश के सभी कॉलेजों में यह पाठ्यक्रम शुरु किया जाएगा। कॉलेजों को इस पाठ्यक्रम के लिए किसी तरह की सहायता देय नहीं होगी। स्ववित्तपोषित मोड पर विद्यार्थियों से न्यूनतम शुल्क लेकर अथवा प्रशिक्षण प्रदात्ता संस्थाओं की मदद से यह पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। स्ववित्तपोषित मोड में कौशल प्रशिक्षण संचालन की स्थिति में इनमें स्थान उपलब्ध होने पर कॉलेज के पूर्व छात्रों को भी पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जा सकेगा। यह पाठ्यक्रम पूर्ण करने पर कॉलेज अपने स्तर पर विद्यार्थियों को कौशल प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

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