जैन धर्म के इतिहास में पहली दफा पर्युषण पर्व घरों में मनाएंगे श्रद्धालु
कोविड 19 के कारण श्रदालु घर मे ही कर रहे है आराधना व उपासना
तप त्याग व जप जाप में श्रावक व श्राविकाएं तल्लीन
ब्यावर 21 अगस्त । जैन धर्म के सबसे बड़े पर्व पर्युषण पर्व नगर में साधना आराधना व तप त्याग के साथ श्रावक व श्राविकाएं कोविड 19 के नियमो की पालना करते हुए अपने अपने घरों में ही श्रद्धा व भक्ति के साथ मना रहे है। जैन धर्म के समस्त आचार्यो के खास संकेत पर सभी जैन धर्मावलंबियों ने प्रशासन की गाइडलाइन का पूर्णरूपेण पालन कर गत 6 दिनों से लगातार अपने घरों में धर्म ध्यान में जुटे हुए है।इतिहास में पहली बार जैन धर्म के अनुयायी यह पर्व घर मे मना रहे है।वरना स्थानको व मंदिरों में पर्युषण पर्व पर खासा चहल पहल रहती है।विविध धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन दिनभर चलते रहते है, और श्रद्धालुओं का विशेष उत्साह बना रहता है,लेकिन इस बार पूरे देश मे वैश्विक महामारी कोराना वायरस के चलते सभी जैन गुरुभगवन्तो ने अपने श्रावक व श्राविकाओं को चातुर्मास शुरू होने से पहले ही सरकारी गाइड लाइन का पालन करने का कहते हुए घरों में ही धर्म आराधना के स्प्ष्ट संकेत दे दिए थे।
जैन समाज के संघ प्रमुखों ने श्रदालुओं से किया विनम्र अनुरोध
शहर में जैन धर्म का महापर्व संवत्सरी पूरी श्रद्धा आस्था व समर्पण भाव से श्रदालुगण अपने अपने घरों में ही रहकर मनाएंगे।श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी शांत क्रांति जैन श्रावक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानचंद ढेडिया, श्री स्थानकवासी जैन वीर संघ अध्यक्ष प्रकाशचंद,मेहता, जवरीलाल शिशोदिया,ज्ञानचंद बिनायकिया, गजराज गुलेच्छा राजू भाई ओस्तवाल, राजू कुंकलोल ने सभी श्रावक व श्राविकाओं से शनिवार को अपने धर पर ही पूरी श्रद्धा आस्था व तप त्याग एवम जप जाप की आरधनाओ व उपासना के साथ इस महापर्व को मनाने का विनम्र अनुरोध किया है।
शहर के विभिन्न कॉलोनियों में बहेगी संवत्सरी को धर्म की बयार
श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी शांत क्रांति जैन युवा संघ के पूर्व महामंत्री प्रकाश जैन व संघ प्रमुख राजेन्द्र कर्णावट एवम सम्पतराज ढेडिया ने बताया कि जैन धर्म की विरल विभूति जैनाचार्य प्रवर गुरुदेव विजयराज जी महाराज के विशेष संकेतानुसार संवत्सरी महापर्व पर घर पर रहकर ही सभी श्रावक व श्राविकाएं धर्म, ध्यान एवम साधना आराधना के साथ पूरे दिन जप जाप,तप त्याग के साथ मनाएंगे। नगर की विभिन्न उपनगरों व कॉलोनियों में ही अपने घरों में अपने परिवार के साथ पूरे उत्साह व श्रद्धा से इस महापर्व की आराधना करेंगे।
श्री जैन ने बताया की श्रदालुगण अल सवेरे रायसी प्रतिक्रमण, प्रार्थना, सामायिक साधना के साथ स्वाध्याय, णमोकार महामंत्र का जाप, भक्तामर स्त्रौत, लोगगस,नमोथुनम,पेसठिया छंद,श्री शांतिनाथ भगवन का छंद,उववसगरह स्त्रोत, प्रभु व गुरु भक्ति,देवसी प्रतिक्रमण कर वर्षपर्यंत हुए पापों का प्रायश्चित करेंगे।अनेक श्रावक व श्राविकाएं एवम बच्चे इस महापर्व पर उपवास, एकासन, आयम्बिल, व अन्य तप कर अपनी आत्मा को तपाएँगे।
खमतखामना पर्व रविवार को
पर्युषण पर्व के आठ दिनों की आराधना के बाद जैन समाज के लोग 23 अगस्त रविवार को वर्ष भर में हुई भूलो व गलतियों के लिये आपस मे मिलकर एक दूसरे से क्षमायाचना कर खमतखामना करेंगे। कोविड 19 के कारण इस बार खमतखामना पर्व पर सामुहिक जुलूस भी नही होगा। श्रदालुगण एक दूसरे के घर जाकर खमत खामना करेंगे।
- प्रकाश जैन