गणेश चतुर्थी पर्व 22 अगस्त को है। हिन्दू पंचांग के अनुसार गणेश जन्मोत्सव हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लेकिन इस साल की बात कुछ अलग है क्योंकि इस समय कोरोना वायरस से पूरी दुनिया प्रभावित है। वायरस की रोकथाम के लिए लोग सामाजिक दूरियां बना रहे हैं। ऐसे में आप गणेश उत्सव पर सामूहिक कार्यक्रम में हिस्सा न लेकर स्वयं ही अपने घर पर विधिनुसार गणपति बप्पा को स्थापित कर सकते हैं। गणपति महाराज को स्थापित करने की विधि इस प्रकार है…

गणेश चतुर्थी पर प्रतिमा स्थापना मुहूर्त

पहला शुभ मुहूर्त- सुबह 7 बजकर 30 से 9 बजे तक।
दूसरा शुभ मुहूर्त- दोपहर 1 बजकर 30 से शाम 4 बजकर 30 बजे तक।
तीसरा शुभ मुहुर्त- शाम 6 बजकर से 7 बजकर 30 तक।

गणेश चतुर्थी 2020 का योग

ज्योतिषशास्त्र की गणना के अनुसार इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर विशेष योग बन रहा है। 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर सूर्य सिंह राशि में मौजूद रहेगा और मंगल मेष राशि में। ये दोनों ग्रह स्वयं की राशि में होंगे। गणेश चतुर्थी पर सूर्य और मंगल का ऐसा योग 126 साल बाद बन रहा है। इस बार गणेशोत्सव चित्रा नक्षत्र में होगा।

इस विधि से करें विराजें गणपति बप्पा को

सबसे पहले इस मंत्र का जाप करें- अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च। श्री गणपते त्वम सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम।।
यह गणपति बप्पा का आवह्न मंत्र के साथ स्थापना मंत्र है।
अब गणेश जी की प्रतिमा को जल एवं पंचामृत से स्नान कराएं और नए वस्त्र पहनाएं।
इसके बाद उन्हें चंदन, रोली, इत्र, आभूषण, दूर्वा, पुष्प आदि अर्पित करें।
गणेश जी के माथे पर सिंदूर लगाएं।
उनको जनेऊ, मोदक, फल आदि चढ़ाएं।
इसके बाद धूप, दीप आदि से आरती करें।
गणेश जी की आरती गाएं।
आरती के बाद परिक्रमा करें।
अंत में कोई भी कमी या भूल के लिए गणपति महाराज से क्षमा मांगें।

यह क्षमा-प्रार्थना मन्त्र जपें

गणेशपूजने कर्म यत् न्यूनमधिकम कृतम।
तेन सर्वेण सर्वात्मा प्रसन्न अस्तु गणपति सदा मम।।
इस तरह से आप खुद ही इस कोरोना जैसी संकटकालीन परिस्थिति में गणेश चतुर्थी पर गणेश भगवान को अपने यहां विधि विधान के साथ विराजित कर सकते हैं। फिर 10 दिनों तक गणपति महाराज की आराधना करें और इसके बाद उन्हें विधि अनुसार विसर्जित करें। ऐसा करके आप अपने सारे संकटो को दूर और विघ्नहर्ता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

Leave a Reply