एक दिवस के अंतराल की जलापूर्ति पूरी तरह फेल
बौंली 21 अगस्त। उपखंड मुख्यालय के वाशिंदे बीसलपुर पेयजल परियोजना के शुरू होने के बाद भी पेयजल की बूंद बूंद को तरस रहे हैं। विधायक द्वारा जब से दो दिवस के अंतराल की जलापूर्ति को एक दिवस के अंतराल पर कराया है लोगों के सामने पेयजल का संकट बढ़ गया है। पानी की बूंद बूंद को तरसते पूरी गर्मी निकल गई तथा वर्षा काल में भी लोगों को पेयजल के लिए तरसना पड़ रहा है। करीबन 1 माह से तो स्थिति ऐसी बनी हुई है कि एक दिवस के अंतराल की जलापूर्ति पूरी तरह फेल होकर दो दिवस के अंतराल पर ही हो रही है उसमें भी पर्याप्त मात्रा में पेयजल सप्लाई नहीं किया जा रहा। जब बीसलपुर पेयजल परियोजना शुरू हुई थी तो जलदाय विभाग ने लाइनों का अभाव बताकर दो दिवस के अंतराल पर टुकड़ों में 30 मिनट के लिए पेयजल का वितरण शुरू किया। इससे कस्बे के नल उपभोक्ताओं को पूर्व की बिगड़ी पेयजल वितरण व्यवस्था से छुटकारा मिला व लोग दो दिवस के अंतराल पर भी जल आपूर्ति होने से अपना काम चला रहे थे। लेकिन बाद में उपभोक्ताओं के बढऩे व पूर्व में राइजिंग लाइनों के सही तरीके से नहीं बिछाने से वितरण व्यवस्था गड़बड़ाने लगी। क्षेत्रीय विधायक ने दो दिवस के अंतराल की जलापूर्ति को एक दिवस के अंतराल पर कराने का दबाव बनाया तो विभाग ने मैन राइजिंग लाइनें बिछाने के लिए बजट का अभाव बता एक दिवस के अंतराल की जलापूर्ति करने में आनाकानी की। इसके लिए क्षेत्रीय विधायक द्वारा नई राइजिंग लाइनें बिछाने के लिए राशि स्वी.त की गई राशि स्वी.त होने के बाद विभाग ने बड़ी लाइने बिछाकर दो दिवस के अंतराल की जलापूर्ति को एक दिवस के अंतराल पर 20 मिनट के लिए शुरू किया। लेकिन 20 मिनट की जलापूर्ति में उपभोक्ताओं को केवल 15 मिनट ही पेयजल सुलभ होने लगा। वह भी कभी दो दिवस के अंतराल पर तो कभी एक दिवस के अंतराल पर। ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं को एक दिवस के अंतराल की जलापूर्ति का कोई लाभ नहीं मिला। लोगों के सामने वही पहले की तरह पेयजल का संकट पनपने लगा। इस परेशानी को लेकर पीडि़त उपभोक्ताओं ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित प्रशासनिक विभागीय अधिकारियों को भी अवगत कराया। गत एक सप्ताह से तो स्थिति इस कदर बिगड़ी हुई है कि दो दिवस के अंतराल पर भी उपभोक्ताओं को समय से पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो रही उन्हें पेयजल का संकट झेलना पड़ रहा है। लोगों के सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात यह है कि कस्बे में कहीं भी मीठे पेयजल के स्त्रोत नहीं होने से कस्बे के वाशिंदे केवल नल योजना पर ही आश्रित हैं ऐसे में यदि एक दिवस भी जलापूर्ति नहीं हो तो उपभोक्ताओं के सामने बड़ा संकट खड़ा हो जाता है। कहने को विभाग द्वारा कस्बे में दो आर ओ प्लांट भी लगाए हुए हैं लेकिन बीसलपुर पेयजल परियोजना के शुरू होने के बाद से यह आरो प्लांट भी निरर्थक पड़े हुए हैं। विभाग द्वारा इन्हें चालू नहीं रखने से कस्बे के उपभोक्ता इनका सदुपयोग नहीं कर पा रहे मिश्र के कुए के पास लगा हुआ आरो प्लांट लंबे समय से बंद पड़े होने से उपभोक्ताओं को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा। उपभोक्ताओं का कहना है कि जब बीसलपुर पेयजल परियोजना से समय पर जलापूर्ति नहीं हो रही तो ऐसे में यह आरो प्लांट चालू रहे तो समय बेसमय उपभोक्ता आरो प्लांट से पेयजल लेकर अपना काम निकाल सकते हैं लेकिन विभाग इस ओर भी ध्यान नहीं दे रहा। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी लोगों की इस मूल समस्या की ओर किसी प्रकार का ध्यान नहीं दे रहे है। करोड़ों की राशि खर्च होने के बावजूद भी अगर उपभोक्ताओं को समय से पेयजल नहीं मिल पाए तो सरकार को इस ओर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि आखिरकार इसके पीछे क्या कारण है। उपभोक्ताओं को समय से पेयजल नहीं मिलने से उनमें विभाग व प्रशासन के साथ साथ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

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