बांधों में पिछले साल की तुलना में जल भराव चिंताजनक 
• 810 बांधों में महज 46.17 प्रतिशत पानी उपलब्ध

जयपुर, 20 अगस्त । राजस्थान में लम्बे समय बाद सक्रिय हुए मानसून की सुस्त रफ्तार के कारण शहरों, कस्बों व गांवों के लिए पेयजल तथा सिंचाई के लिहाज से महत्वपूर्ण बांधों में खुशियों की हिलोरें नहीं दिख पाई है। प्रदेश में इस साल अधिकांश बांधों की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं हैं। प्रदेश में इस साल कोटा को छोडक़र पाली, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, टोंक, दौसा, बूंदी, धौलपुर, चित्तौडग़ढ़ जिलों के बांधों में पिछले साल की तुलना में जल भराव चिंताजनक है। राजधानी जयपुर, करौली, भरतपुर व अलवर क्षेत्र के बांध अभी भी पानी को तरस रहे हैं।
हालत यह है कि एक साल पहले मानसून की मेहरबानी के कारण अधिकांश बांध लबालब होने के बाद छलक उठे थे। जबकि, इस साल संभाग स्तर के प्रमुख बड़े बांधों की कुल भराव क्षमता का आधा पानी भी नहीं आ पाया है। वृहद स्तर के सभी प्रमुख 22 बांधों में मात्र 55 फीसदी जल आवक हुई है। सबसे खराब स्थिति मध्यम और लघु बांधों की है, जिनमें से अधिकांश तल दिखा रहे हैं।

राज्य के 810 बांधों में पानी भराव की कुल क्षमता 12641.73 एमक्यूएम है, जिनमें वर्तमान में 5836.19 एमक्यूएम पानी उपलब्ध है। जो 46.17 प्रतिशत है। राज्य में 4.25 एमक्यूएम से अधिक भराव क्षमता वाले मध्यम एवं लघु 256 बांधों की भराव क्षमता 3656.42 के मुकाबले अभी 1008.21 (27.57 प्रतिशत) पानी है। 4.25 एमक्यूएम से अधिक भराव क्षमता वाले 22 वृहद बांधों की कुल भराव क्षमता 8104.66 के मुकाबले अभी 4686.61 (57.83 प्रतिशत) पानी उपलब्ध है। इसी तरह 4.25 एमक्यूएम से कम भराव क्षमता वाले 464 बांधों की कुल भराव क्षमता 879.97 एमक्यूएम के मुकाबले अभी 141.36 एमक्यूएम (16.06 प्रतिशत) पानी उपलब्ध है।

कोटा बैराज में 98 प्रतिशत पानी उपलब्ध है

जल संसाधन विभाग की मानें तो इस साल चित्तौडग़ढ़ के राणा प्रताप सागर में 72.66 प्रतिशत, कोटा के कोटा बैराज में 98 प्रतिशत, जवाहर सागर में 78.48 प्रतिशत, बांसवाड़ा के माही बजाज सागर में 49.01 प्रतिशत, हारो बांध में 50 प्रतिशत, टोंक के बीसलपुर में 56.01 प्रतिशत, ग्वाला बांध में 24.73 प्रतिशत, टोरडीसागर में 14.51 प्रतिशत, दौसा के मोरेल बांध में 30.16 प्रतिशत, भरतपुर के सीकरी बांध में 0, धौलपुर के पार्वती बांध में 57.28 प्रतिशत, बूंदी के गुढ़ा बांध में 52.80 प्रतिशत, जयपुर के रामगढ़ में 0, छापरवाड़ा में 0.41 प्रतिशत, कालखसागर में 0, पाली के जवाई बांध में 15.56 प्रतिशत, सरदारसमंद में 8.20 प्रतिशत, भीलवाड़ा के मेजा बांध में 2.93 प्रतिशत, डूंगरपुर के सोमकमला अंबा बांध में 76.13 प्रतिशत, राजसमंद के राजसमंद में 16.53 प्रतिशत, उदयपुर के जयसमंद में 71.52 प्रतिशत तथा प्रतापगढ़ के जाखमबांध में 37.54 प्रतिशत पानी उपलब्ध है।

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