बारां. अटरू कस्बे के पास पार्वती नदी (Parvati River) के किनारे हो रहे अवैध बजरी खनन के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया. इस दौरान बजरी के खदान के अचानक ढह जाने से करीब 12 लोग दब गए. बचाव कार्य के दौरान तीन लाशें अभी तक निकाली जा चुकी हैं. वहीं अभी भी मौके से लोगों को निकालने का काम जारी है. बताया जा रहा है कि प्रशासन और पुलिस की पाबंदियों के बावजूद यहां पर अवैध तौर पर बजरी खनन का काम जोरों पर है और कई बार लोग हादसे का शिकार भी हो चुके हैं.

दबे हुए लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है.

जानकारी के मुताबिक, खदान के ढहने से करीब एक दर्जन लोग मलबे में दब गए हैं. हादसे की जानकारी मिलते ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई. मलबे में दबे लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है. अब तक तीन लाशों को बाहर निकाला जा चुका है. बाकी लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है.
अवैध खनन ने ली जान

खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के गृह जिले बारां में अवैध खनन के चलते लगातार हादसे हो रहे हैं. इन हादसों में लोगों की जान भी जा रही है. गुरुवार को भी जिले के अटरू कस्बे के पास पार्वती नदी के किनारे बजरी का अवैध खनन करने गए मजदूर काल के गाल में समा गए. दरअसल बारां जिले के अटरू कस्बे के पास से गुजर रहे पार्वती नदी में अवैध खनन का काम किया जा रहा था. आज भी कुछ मजदूर इस इलाके में नदी के तलहटी में बने खाइयों में बजरी का खनन कर रहे थे.
खनन के काम के दौरान ऊपर मौजूद मिट्टी और बजरी का बड़ा हिस्सा इन मजदूरों पर गिर पड़ा. बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त करीब इस जगह 1 दर्जन मजदूर काम कर रहे थे जिनके दबने की आशंका जताई जा रही है. हादसे की खबर मिलते ही आस-पास लोग, पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. लोगों को मलबे से निकालने बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है. इस बजरी के खदान में दबे 3 मजदूरों के शव अब तक निकाले जा चुके हैं. वहीं 4 लोगों को घायल हालत में अटरू चिकित्सालय उपचार के लिए भेजा गया है. बजरी में दबे अन्य लोगों को निकालने के लिए फिलहाल तलाश जारी है.

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