• 50 साल तक अडानी समूह संभालेगा एयरपोर्ट का संचालन • अब केवल सिक्योरिटी और एटीसी ही सरकार के हाथ • एयरपोर्ट अथॉरिटी को 174 रुपए प्रति यात्री का अडानी समूह भुगतान करेगा

जयपुर 19 अगस्त । जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का संचालन अब निजी समूह अडानी एंटरप्राइजेज संभालेगा। बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की हुई बैठक में जयपुर हवाई अड्डे के निजीकरण को मंजूरी दी गई। जयपुर के अलावा बुधवार को गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम हवाई अड्डे को भी निजी हाथों में सौंपने पर मुहर लगाई गई। हालांकि इससे पहले 3 अन्य हवाई अड्डे अहमदाबाद, लखनऊ और मंगलुरू को अडानी समूह को सौंपने का फैसला केंद्रीय कैबिनेट करीब सालभर पहले ही कर चुकी थी।

जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का संचालन अब निजी समूह अडानी एंटरप्राइजेज संभालेगा। केंद्रीय कैबिनेट की हुई बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई।

गौरतलब है कि अडानी समूह को जयपुर एयरपोर्ट का संचालन अगले 50 साल के लिए सौंपा जा रहा है। पिछले साल फरवरी में हुई निविदा में अडानी समूह ने सभी 6 एयरपोर्ट के लिए सबसे ज्यादा बोली लगाई थी। जयपुर एयरपोर्ट के लिए अडानी समूह एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को घरेलू यात्री के लिए 174 रुपए प्रति यात्री और अंतरराष्ट्रीय यात्री के लिए 348 रुपए प्रति यात्री का भुगतान करेगा।

अडानी समूह के नाम लेटर ऑफ अवार्ड पिछले साल ही जारी हो गया था और अब केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद जल्द ही एयरपोर्ट संचालन का कार्य निजी कंपनी को सौंप दिया जाएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक यह प्रक्रिया इस वित्त वर्ष के अंत तक पूरी होने की संभावना है।

राज्य सरकार को किया दरकिनार
जयपुर हवाई अड्डे के निजीकरण में राज्य सरकार की आपत्तियों को भी दरकिनार कर दिया गया है। पिछले साल निजीकरण की कवायद शुरू होने पर राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा था। पत्र में यह आपत्ति जताई गई थी कि जब एयरपोर्ट के लिए भूमि का आवंटन राज्य सरकार ने निशुल्क किया था, तो ऐसे में निजीकरण से पहले राज्य सरकार की मंजूरी क्यों नहीं ली गई। साथ ही राज्य सरकार के विमानों के

आवागमन के लिए क्या व्यवस्था रहेगी?
इस बारे में भी जानकारी मांगी गई थी। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार की आपत्तियों का निराकरण पूरी तरह से नहीं हो सका है लेकिन इस पर केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब एयरपोर्ट का संचालन निजी हाथों में सौंपा जाना तय माना जा रहा है।

ये होंगे एयरपोर्ट पर बदलाव
एयरपोर्ट बिल्डिंग का संचालन पूरी तरह से निजी कंपनी के हाथों में रहेगा। यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर पार्किंग, बिल्डिंग के अंदर सभी दुकानों का संचालन निजी कंपनी करेगी। एयरलाइंस के साथ समन्वय, एप्रन क्षेत्र में ग्राउंड हैंडलिंग से संबंधित सभी कार्य निजी कंपनी करेगी। एयरपोर्ट बिल्डिंग और रनवे क्षेत्र में सुरक्षा का कार्य सीआईएसएफ संभालती रहेगी।

एयरपोर्ट पर चिकित्सा, अग्निशमन व्यवस्था भी निजी कंपनी ही संभालेगी। वहीं एयर ट्रैफिक कंट्रोल का कार्य एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा किया जाएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी के एयरपोर्ट निदेशक सहित करीब 125 कर्मचारी एयरपोर्ट पर नहीं रह सकेंगे। अपनी मर्जी से कर्मचारी निजी कंपनी के साथ जुड़ सकते हैं या एयरपोर्ट अथॉरिटी के किसी दूसरे एयरपोर्ट पर तबादला करवा सकते हैं।

यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी, लेकिन नुकसान भी होंगे
निजीकरण में निजी कंपनी एयरपोर्ट पर सभी तरह की सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर देगी। एयरपोर्ट के निजीकरण से हर चीज के लिए अलग से शुल्क देना होगा। चूंकि कंपनी दुकानों का किराया बढ़ाएगी तो भार यात्रियों की जेब पर आएगा।

एयरलाइंस के काउंटर महंगे होंगे तो किराए की दरें भी बढ़ सकती हैं। चाय-कॉफी पीने के लिए 200 रुपए तक शुल्क लिया जा सकता है। कुछ भी खरीदेंगे तो बाजार दर की तुलना में 3 से 4 गुना महंगा मिलेगा। एयरपोर्ट आने वाले प्रत्येक वाहन से 50 रुपए तक एंट्री शुल्क लिया जा सकता है।

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