मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को सूबे की सरकारी नौकरियों को लेकर बड़ा ऐलान किया। शिवराज ने कहा कि प्रदेश की सरकारी नौकरियां अब केवल राज्य के बच्चों को ही दी जाएंगी और इसके लिए हम आवश्यक कानूनी प्रावधान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो संदेश जारी कर कहा, ‘आज मध्य प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। प्रदेश की शासकीय नौकरियां अब केवल राज्य के बच्चों को ही दी जाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘इसके लिए हम आवश्यक कानूनी प्रावधान कर रहे हैं। मध्य प्रदेश का संसाधन राज्य के बच्चों के लिए हैं।’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘मेरे प्यारे भांजे-भांजियों। आज से मध्य प्रदेश के संसाधनों पर पहला अधिकार मध्य प्रदेश के बच्चों का होगा। सभी शासकीय नौकरियां सिर्फ मध्य प्रदेश के बच्चों के लिए ही आरक्षित रहेंगी। हमारा लक्ष्य प्रदेश की प्रतिभाओं को प्रदेश के उत्थान में सम्मिलित करना है।’ शिवराज सिंह चौहान ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘मध्य प्रदेश के युवाओं का भविष्य ‘बेरोजगारी भत्ते’ की बैसाखी पर टिका रहे, यह हमारा लक्ष्य ना कभी था और ना ही है। जो यहां का मूल निवासी है वही शासकीय नौकरियों में आकर प्रदेश का भविष्य संवारे यही मेरा सपना है। मेरे बच्चों, खूब पढ़ो और फिर सरकार में शामिल होकर प्रदेश का भविष्य गढ़ो।’ इससे पहले पिछले साल जुलाई में कांग्रेस के शासनकाल में मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ ने कहा था कि निजी क्षेत्रों में कुल रोजगार का 70 प्रतिशत मध्य प्रदेश के स्थायी निवासियों के लिए आरक्षित करने का प्रावधान किया जा रहा है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने साधा निशाना
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फैसले पर निशाना साधा है। अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नौकरियां तो सभी के लिए हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में सिर्फ राज्य के लोगों के लिए ही।