जयपुर/नई दिल्ली: नवनियुक्त राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने सोमवार को अपना कार्यभार संभाल लिया. माकन ने पूर्व प्रभारी अविनाश पांडे के ही ऑफिस में अपना कार्यभार ग्रहण किया. एक महीने से ज्यादा चले राजस्थान में सियासी घमासान के पटाक्षेप के बाद पार्टी ने पहला बड़ा फैसला अविनाश पांडे को हटाकर अजय माकन को प्रदेश प्रभारी बनाया गया. बताया जा रहा है कि घर वापसी के समझौते में सचिन पायलट ने उन्हें हटाने की मांग रखी थी, जिसको आलाकमान ने मान ली.

जिस तरह राजस्थान में कांग्रेस विधायकों ने बागी तेवर अपनाए उसके बाद पार्टी ने भी आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए पीसीसी चीफ को हटाना और तीन मंत्रियों को बर्खास्त कर बड़े फैसले लिए गए उसी के अनुरूप गहलोत सरकार के विश्वास मत जीतने के दो दिन के अंदर कांग्रेस आलाकमान ने प्रभारी अविनाश पांडे को हटाने का फैसला किया. उनकी जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री और राहुल गांधी के भरोसेमंद अजय माकन को महासचिव बना कर राजस्थान का प्रभार दिया गया है. लगभग पांच सालों के अंतराल के बाद अजय माकन की कांग्रेस के केंद्रीय पदाधिकारी के तौर पर वापसी हुई है.

इसके साथ ही, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान का मामला सुलझाने के लिए पूर्व में की गई घोषणा के मुताबिक तीन नेताओं उच्चस्तरीय कमेंटी का गठन भी कर दिया है. वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और राज्य के नए प्रभारी अजय माकन इस कमेटी के सदस्य बनाए हैं.

इस कमेटी के सामने पायलट गुट और अन्य विधायकों की शिकायतों का समाधान निकालने की चुनौती है. पायलट की बगावत के बाद अजय माकन बतौर पर्यवेक्षक करीब एक महीने तक राजस्थान में पार्टी के विधायकों के साथ रह कर उन्हें एकजुट रखने का प्रयास किया था. साथ ही पायलट को मनाने की कोशिश भी कर रहे थे. मामला, फिलहाल भले सुलझ गया है लेकिन गहलोत और पायलट को साथ लेकर चलने की चुनौती माकन के सामने बरकरार रहेगी. माकन के पास संगठन और सरकार का अच्छा खासा अनुभव है और इसके अलावा उनकी छवि टेक्नोलॉजी फ्रेंडली और सुलझे हुए विनम्र नेता की है.

आलाकमान ने सचिन को भरोसा दिया था कि उनकी शिकायतें सुनने के लिए 3 सदस्य कमेटी बनाई जाएगी. सचिन की घर वापसी हो गई और गहलोत ने विधानसभा में ध्वनिमत से बहुमत साबित कर दिया. बताया जा रहा है कि सचिन पायलट ने प्रियंका गांधी और अहमद पटेल के सामने अविनाश पांडे को हटाने की मांग रखी थी जिस पर कार्रवाई कर दी गई है. सचिन की शिकायतों के समाधान के लिए कमेटी भी बना दी गई है. इस पूरे विवाद में अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला को पर्यवेक्षक बना कर राजस्थान भेजा गया था. हैप्पी इंडिंग का तोहफा अजय माकन को मिला. लेकिन इस बड़ी लड़ाई में अविनाश पांडे को बलि का बकरा बनना पड़ा.

अजय माकन ने पदभार ग्रहण करने के बाद अनौपचारिक बातचीत में कहा कि राजस्थान में सत्ता और संगठन का तालमेल बनाए रखने की उनकी प्राथमिकता रहेगी माकन ने बताया कि फिलहाल संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और अहमद पटेल से मुलाकात करके जो कमेटी बनाई गई है, उसकी मीटिंग एजेंडा पर चर्चा करेंगे और उसके बाद राजस्थान का दौरा करेंगे.

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