बॉलीवुड में डिफेंस से जुड़ी फिल्मों के बनने का सिलसिला बहुत बढ़ गया है। इसी कड़ी में अगली फिल्म अभिनेता जॉन अब्राहम की ‘गोरखा’ होगी। हालांकि इसे शुरू करने से पहले वे काफी सावधानी बरत रहे हैं। क्योंकि वे गुंजन सक्सेना व अन्य फिल्मों की तरह फिल्म बनने के बाद किसी तरह का कोई विवाद नहीं चाहते।
जॉन अब्राहम के पास फिलहाल ‘मुंबई सागा’ और ‘सत्यमेव जयते 2’ के अलावा निखिल आडवाणी के बैनर की ‘गोरखा’ है। जो कि सेना की गोरखा रेजिमेंट की कहानी पर आधारित होगी। निखिल आडवाणी के प्रोडक्शन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि फिल्म में कैरेक्टर का स्केच और कहानी कैसी होगी, इस बारे में डिफेंस मिनिस्ट्री को अवगत करा दिया गया है।
प्रोडक्शन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, ‘लॉकडाउन के फेज में डिफेंस मिनिस्ट्री से परमिशन लेने के लिए जरूरी औपचारिकताओं का काम पूरा कर लिया गया है। अब बस उनकी तरफ से फिल्म को हरी झंडी मिलनी बाकी है, कि फिल्म में जिस तरीके से गोरखा रेजिमेंट को दिखाया जाएगा, उस पर विभाग को कोई आपत्ति नहीं है।
रक्षा मंत्रालय से इजाजत मिलने के बाद ही फिल्म की शूटिंग शुरू करने को लेकर शेड्यूल तय किया जाएगा। प्रोडक्शन के लोग नहीं चाहते कि आगे चलकर फिल्म को लेकर मंत्रालय की किसी तरह की आपत्ति का सामना करना पड़े।
हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई ‘गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल’ और साल 2016 में रिलीज हुई ‘एयरलिफ्ट’ को संबंधित विभागों की नाराजगी झेलनी पड़ी है। दरअसल ‘एयरलिफ्ट’ की रिलीज के बाद विदेश विभाग के कई ब्यूरोक्रेट्स ने ऐतराज दर्ज किया था कि क्रिएटिव लिबर्टी के नाम पर फिल्म में तथ्यों से छेड़छाड़ हुई है। इस पर फिल्म के मेकर राजा कृष्ण मेनन ने ऑन रिकॉर्ड कहा था कि उन लोगों ने शूट पर जाने से पहले विदेश मंत्रालय को स्क्रिप्ट और चिट्ठी भेजी थी, पर कई हफ्तों के इंतजार के बावजूद जवाब नहीं मिले। मजबूरन टीम को शूट पर जाना पड़ा।
‘गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल’ को भी एयरफोर्स की नाराजगी झेलना पड़ रही है और एक पूर्व महिला वायुसेना अधिकारी ने तो खुलकर फिल्मों में गलत तथ्यों को पेश करने का आरोप लगाया है। हालांकि अपने पुराने इंटरव्यूज में उनका स्टैंड ठीक उलट रहा था। जबकि इमरान हाशमी की ‘कैप्टन नवाब’ रक्षा मंत्रालय की ओर से जवाब आने में हुई देरी की वजह से बंद ही हो गई।
जॉन अब्राहम और निखिल आडवाणी इस तरह के विवाद नहीं चाहते हैं। तभी ‘गोरखा’ की शूट पर जाने से पहले वो डिफेंस मिनिस्ट्री से सारी इजाजतें हासिल कर लेना चाहते हैं। इस बारे में हमने निखिल आडवाणी से भी संपर्क करने की कोशिश की। मगर खबर लिखे जाने तक उनकी ओर से आधिकारिक जवाब मिलना बाकी था।