रैना साल 2011 में विश्व कप विजेता टीम के हिस्सा भी रह चुके हैं। रैना ने 18 साल की उम्र में भारत के लिए अपना डेब्यू किया था। इसके अलावा उन्होंने कुछ मैचों में भारत की कप्तानी भी कर चुके है।

भारत के मध्यक्रम बल्लेबाज सुरेश ने आधिकारिक रूप से इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास को लेकर बीसीसीआई को सूचित कर दिया है। दुनिया के बेहतरीन फील्डरों में से एक रैना ने भारत के लिए 18 टेस्ट, 226 वनडे और 78 टी-20 मैचों में प्रतिनिधित्व किया। रैना भारत के लिए लगभग 13 साल तक भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे।

रैना साल 2011 में विश्व कप विजेता टीम के हिस्सा भी रह चुके हैं। रैना ने 18 साल की उम्र में भारत के लिए अपना डेब्यू किया था। इसके अलावा उन्होंने कुछ मैचों में भारत की कप्तानी भी कर चुके हैं। इसके अलावा रैना भारत के पहले ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने टी-20 विश्व कप में शतक जड़ने का कारनामा किया है।

रैना की कप्तानी में भारत ने वेस्टइंडीज दौरे पर 3-2 से वनडे सीरीज अपने नाम किया था। इसके अलावा बांग्लादेश के खिलाफ रैना की कप्तानी में भारत ने 2-0 से वनडे सीरीज में जीत दर्ज की थी। वहीं जिम्बाब्वे के खिलाफ रैना की कप्तानी में भारत ने 2-0 से टी-20 सीरीज अपने नाम किया था।

लिमिटेड ओवरों के अलावा रैना टेस्ट क्रिकेट में भी अपना कमाल दिखाया है। रैना ने अपने टेस्ट डेब्यू में शतक जड़ने का कारनामा किया था। इसके अलावा रैना भारत के इकलौते खिलाड़ी हैं जिन्होंने देश के बाहर क्रिकेट के तीनों ही फॉर्मेट में शतक लगाया है।

वहीं भारतीय टीम में रैना ने महेंद्र सिंह धोनी के साथ मिलकर कई सारे मैचों में जीत दिलाई। रैना, धोनी के मार्गदर्शन में शानदार प्रदर्शन किया। इसके अलावा कई मौकों पर रैना ने धोनी के साथ मिलकर टीम को मुश्किल से निकालने का काम किया। रैना और धोनी वनडे फॉर्मेट में पांचवे विकेट के लिए रिकॉर्ड 2421 रनों की साझेदारी की है।

रैना के संन्यास के बाद पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने उन्हें शुभकामनाएं दी है। गांगुली ने कहा, ”सुरेश रैना ने लिमिटेड ओवर क्रिकेट में भारतीय टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया। निचले क्रम में आकर बल्लेबाजी कर रैना ने कई बार टीम को मुश्किल से निकालने का काम किया। युवराज सिंह और धोनी के रैना भारत के सबसे बेहतरीन मध्यक्रम बल्लेबाजों में एक थे। मैं उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”

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