Covid-19 वायरस लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है। वायरस के इस म्यूटेशन की वजह से महामारी की रोकथाम के लिए प्रभावी वैक्सीन विकसित करना बेहद गंभीर चुनौती बनी हुई है। इस वायरस के म्यूटेशन का नया मामला अब मलेशिया से आया है। मलेशिया में कोरोना वायरस के एक नए प्रकार का पता चला है जो मौजूदा कोरोना से 10 गुना अधिक संक्रामक और खतरनाक है। इस तरह के वायरस दूसरे देशें में भी देखे गए हैं, जिसका नाम D614G दिया गया है। मलेशिया के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. नूर हिशाम अब्दुल्ला ने इसकी जानकारी दी है।
उन्होंने कहा कि मलेशिया के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (IMR) ने D614G की प्रजाति के ही एक खतरनाक वायरस का पता लगाया है, जो इतना खतरनाक है कि कोरोना वैक्सीन पर चल रहे दुनियाभर के रिसर्च को बेकार साबित कर सकता है। कई स्टडी से यह भी पता चला है कि इस वायरस पर किसी भी मौजूदा टीके का असर बेहद कम होने आशांका है।
उन्होंने कहा कि D614G का म्यूटेशन पहली बार जुलाई 2020 में पाया गया था। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि अब तक ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं मिला है जिससे कहा जा सके कि कोरोना वायरस का यह स्ट्रेन ज्यादा गंभीर बीमारी फैला सकता है। यूरोप और अमेरिका में भी कोरोना वायरस के कई अलग-अलग स्ट्रेन मिले हैं। सेल प्रेस में प्रकाशित एक अध्ययन में भी यह कहा गया है कि कोरोना वायरस के इस तरह के म्यूटेशन का इस समय विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन पर बहुत ज्यादा असर पड़ने की आशंका नहीं है।
वायरस का सुपर स्प्रेडर
मलेशिया के स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि कारोना वायरस के इस स्ट्रेन को वायरस का सुपर स्प्रेडर भी कहा जा सकता है। यह अन्य व्यक्तियों को 10 गुना अधिक स्पीड से कोरोना वायरस से संक्रमित करने की क्षमता रखता है। यह वायरस शिवगंगा क्लस्टर मलेशिया में खोजा गया है। मलेशिया में यह कोरोना वायरस 45 केस के एक क्लस्टर में तीन लोगों में मिला है। इस नए स्ट्रेन की शुरुआत एक भारतीय रेस्तरां मालिक हुई थी, जिसे होम क्वारंटीन का उल्लंघन करने के आरोप में मलेशियाई सरकार ने पांच महीने की जेल और जुर्माना की सजा सुनाई थी। मलेशिया में अब तक कोराना वायरस के 9200 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 8859 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और 125 लोगों की जान गई है।