कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। सोनिया ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ही अपने संदेश में मोदी सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि यह देश के लोकतंत्र के लिए कठिन समय है। ऐसा लगता है मौजूदा सरकार देश के लोकतांत्रिक सिस्टम, संवैधानिक मूल्यों और स्थापित परंपरा के खिलाफ खड़ी है। यह भी लोकतंत्र के लिए परीक्षण का समय है।

सोनिया गांधी ने अपने संदेश में कहा कि एक जिम्मेदार विपक्ष के तौर पर यह हमारी ही जिम्मेदारी है कि हम भारत की लोकतांत्रिक स्वतंत्रता को बरकरार रखने के लिए हरसंभव कोशिश और संघर्ष करें। उन्होंने पूछा कि क्या इस देश में अब लिखने, बोलने और सवाल पूछने, मतभेद जताने, विचार रखने की आजादी रह गई है?

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया था। यहां उन्होंने कई अलग मुद्दों पर बात की थी। इसमें लद्दाख में चीनी घुसपैठ का मुद्दा भी शामिल था। पीएम ने कहा था कि एलओसी से लेकर एलएसी तक जिस किसी ने भी भारत की स्वायत्ता को चुनौती देने की कोशिश की, देश के जवानों ने उसे मुंहतोड़ जवाब दिया है।

सोनिया गांधी ने भी अपने संदेश में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुई खूनी मुठभेड़ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश के लिए 20 सैनिकों को प्राण न्योछावर किए 60 दिन हो चुके हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कोरोनावायरस महामारी से लेकर देश की आर्थिक स्थिति तक पर बयान दिया। कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष ने कहा, “मैं यह पूरे विश्वास से कह सकती हूं कि हम सब इस महामारी और गंभीर आर्थिक संकट से साथ ही बाहर निकलेंगे।”

गौरतलब है कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर भी झंडा फहराया गया था। हालांकि, इसमें सोनिया गांधी मौजूद नहीं थीं। वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी ने यहां झंडारोहण किया था। इस मौके पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, अधीर रंजन चौधरी, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला और राजीव शुक्ला जैसे नेता मौजूद थे।

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