राजस्थान की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी में पिछले साल विलय करने वाले बीएसपी के छह विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मामले को राजस्थान हाईकोर्ट से ट्रांसफर करने की मांग की है। गौरतलब है कि कांग्रेस में बीएसपी विधायकों के विलय के खिलाफ बीजेपी विधायक मदन दिलावर और बीएसपी की तरफ से याचिका लगाई गई है।
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी टिकट पर संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेन्द्र अवाना और राजेन्द्र गुढ़ा ने जीत दर्ज की थी। लेकिन, अगले साल यानी 2019 के सितंबर में ये सभी बीएसपी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे।बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने स्पीकर से शिकायत करते हुए कहा कि यह दल-बदल विरोधी कानून का उलंलघन है। 200 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए संघर्ष कर रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए इस वर्तमान राजनीतिक संकट के बीच स्पीकर सीपी जोशी ने बीएसपी विधायकों के विलय की शिकायत को खारिज कर दिया।
इससे पहले, राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने गुरुवार को कांग्रेस के साथ साल 2019 मे विलय करने वाले बहुजन समाज पार्टी के छह विधायकों पर फौरन रोक लगाने की याचिका पर एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ एक बीजेपी विधायक और बहुजन समाज पार्टी द्वारा दायर अपीलों का गुरुवार को निपटारा कर दिया।
स्पीकर की तरफ से छह बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय के फैसले के खिलाफ बीएसपी और बीजेपी के विधायक मदन दिलावर ने राजस्थान हाईकोर्ट का रुख किया था। हाइकोर्ट की एकल पीठ ने स्पीकर सीपी जोशी और कांग्रेस में विलय होने वाले उन छह बीएसपी विधायकों को 11 अगस्त तक जवाब देने को कहा था।