जयपुर: बसपा के 6 विधायकों का कांग्रेस में विलय को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगाने से इंकार करते हुए विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है. भाजपा विधायक मदन दिलावर और बसपा ने अपील दायर कर विधायकों के कांग्रेस में विलय पर एक्स पार्टी रोक लगाने की मांग की थी. जिसे मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खण्डपीठ ने इंकार करते हुए ये आदेश दिये है. साथ ही मामले में विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी करते हुए गुरूवार सुबह 10.30 बजे तक जवाब पेश करने के आदेश दिये है.
राजस्थान हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई
बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले में बसपा और मदन दिलावर की ओर से दायर अपील पर राजस्थान हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान बसपा की ओर से राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने विलय को असंवैधानिक बताते हुए एक्स पार्टी स्टे देने की मांग की. बसपा के साथ साथ भाजपा विधायक मदन दिलावर की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायक गहलोत कैम्प में बाड़ेबंदी में बंद हैं. ऐसे में उन्हें नोटिस तामील नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में मामले में सुनवाई नहीं हो सकती है. इस पर मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहन्ती की खण्डपीठ ने विधानसभा स्पीकर को नोटिस जारी करते हुए गुरुवार को सुबह 10.30 बजे तक जवाब पेश करने के आदेश दिये है. गुरूवार को सुबह फिर से हाईकोर्ट मामले पर सुनवाई करेगी.
11 अगस्त तक उसका जवाब देने को कहा था
गौरतलब है कि इस मामले में बसपा और दिलावर दोनों ने एकलपीठ के फैसले को चुनौती दे रखी है. पहले एकलपीठ ने इस मामले में सुनवाई के बाद 30 जुलाई को नोटिस जारी किए थे. लेकिन विलय के फैसले पर स्टे देने से इनकार कर दिया था. गौरतलब है कि इस मामले में बसपा और दिलावर दोनों ने एकलपीठ के फैसले को चुनौती दे रखी है. पहले एकलपीठ ने इस मामले में सुनवाई के बाद 30 जुलाई को नोटिस जारी किए थे. एकलपीठ ने विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा के सचिव और बसपा छोड़ने वाले छह विधायकों को नोटिस जारी कर 11 अगस्त तक उसका जवाब देने को कहा था. लेकिन कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत देने और बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस विधायक के तौर पर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने से रोकने की दलील को स्वीकार नहीं किया.

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