जयपुर, 04 अगस्त । चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है प्रदेश में कोरोना जांच की लिहाज से सर्वाधिक विश्वसनीय आरटीपीसीआर टेस्ट को ही प्राथमिकता दी जा रही है एवं अब तक 16 लाख से ज्यादा कोरोना जांच की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी दिए गए सभी 115 गंभीर मरीज एवं जीवनरक्षक इंजेक्शन दिए गए 176 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।  डॉ. शर्मा ने एंटीजन टेस्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार से एंटीजन किट की लगातार मांग कर ही है लेकिन केंद्र सरकार द्वारा अभी तक उपलब्ध नहीं कराए गए। एक निजी अस्पताल द्वारा 200 किट मंगवाकर की गई जांच में 50 फीसद किट मानकों पर खरे नही उतरे एवं पॉजीटिव को नेगेटिव बता रहे हैं। शेष 50 फीसद किट द्वारा जांच करवाकर इन किट्स की विश्वसनीयता की सही स्थिति पता चल सकेगी एवं वस्तुस्थिति से आईसीएमआर को अवगत कराया जाएगा। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जब देश में प्रतिदिन 55 हजार से ज्यादा पॉजीटिव केसेज आ रहे हो, ऐसे में मरीजों पर प्रायोगिक परीक्षण करना उनका जीवन खतरे में डालने जैसा है। उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियों के कम विश्वसनीय टेस्ट को मंजूरी देकर केंद्र सरकार लोगों के जीवन को खतरे में डाल रही है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी आईसीएमआर द्वारा मान्यता प्राप्त रैपिड टेस्टिंग किट के नतीजों को लेकर राजस्थान सरकार ने सवाल उठाए थे और आईसीएमआर ने उन्हें सही मानकर देश भर में रैपिड टेस्टिंग किट के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। उन्होंने कहा कि कार्यस्थलों, फल, दूध किराना, सामाजिक समारोह के चलते कोरोना के संक्रमण में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने आमजन से केंद्र एवं राज्य सरकार की गाइडलाइन की पालना करते हुए जीवनशैली अपनाने की अपील की है।   डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में अब तक 115 लोगों को प्लाज्मा थेरेपी दी जा चुकी है। इसका शत-प्रतिशत परिणाम रहा है। जयपुर, जोधपुर, कोटा के बाद उदयपुर और बीकानेर में भी प्लाज्मा थेरेपी के जरिए लोगों को जीवनदान दिया जा रहा है। प्रदेश में 40 हजार की लागत के जीवनरक्षक इंजेक्शन (टोसिलीजूमेब व रेमडीसीविर) भी आमजन को मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल के जरिए निशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 176 लोगों को ये इंजेक्शन दिए जा चुके हैं, जिनका परिणाण भी सुखद रहा है। उन्होंने कहा कि मरीजों के इलाज के लिए बजट की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मंशा है कि प्रदेश के रिकवरी रेशो को बढ़ाया जाए और मृत्युदर को कम किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1.57 फीसद मृत्युदर है। प्लाज्मा थेरेपी एवं जीवनरक्षक इंजेक्शन सहित समुचित उपचार के जरिए राज्य में मृत्यु दर को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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