images (5)जयपुर 30 जुलाई । राजस्थान हाईकोर्ट ने बसपा के सभी छह विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले में विधानसभा स्पीकर, सचिव और बागी विधायकों लखन सिंह, राजेन्द्रसिंह, दीपचंद, जोगेन्दर सिंह अवाना और संदीप कुमार सहित वाजिब अली को नोटिस जारी कर 11 अगस्त तक जवाब तलब किया है। न्यायाधीश महेन्द्र गोयल ने यह आदेश भाजपा विधायक मदन दिलावर और बसपा पार्टी की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने कहा है कि स्पीकर को बाईनेम पक्षकार नहीं बनाया जा रहा है। बसपा की ओर से स्पीकर के 18 सितंबर 2019 के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसके तहत स्पीकर ने बसपा के सभी छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर लिया था। याचिका में कहा गया कि विधायकों ने पार्टी की सदस्यता खुद छोड़ी है। ऐसे में उन पर संविधान की अनुसूची दस के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। इसके अलावा बसपा राष्ट्रीय पार्टी है जिसका राज्य स्तर पर विलय नहीं किया जा सकता। सभी विधायक सामुहिक रूप से कांग्रेस में गए हैं। ऐसे में इसे पार्टी की राज्य इकाई का विलय भी नहीं कहा जा सकता। इसलिए स्पीकर के 18 सितंबर के आदेश को रद्द करते हुए कांग्रेस में जाने वाले बसपा विधायकों पर दल बदल कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। मदन दिलावर की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि बसपा विधायकों ने पार्टी की सदस्यता त्यागते हुए कांग्रेस की सदस्यता ली है, जो अनुसूची दस का उल्लंघन है। इस तरह विधायक के दल बदल को पार्टी का विलय नहीं कहा जा सकता। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि उसने स्पीकर के समक्ष चार माह पहले शिकायत दी थी, लेकिन स्पीकर ने उसकी सुनवाई नहीं की। वहीं हाईकोर्ट में मामला आने के बाद आनन-फानन में उसे तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया जबकि तकनीकी खामियों के बावजूद याचिका पर सभी पक्षों को सुनकर निर्णय किया जाना चाहिए था। इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने विधानसभा स्पीकर और सचिव सहित सभी छह विधायकों को नोटिस जारी किए हैं।

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